सास-ससुर से अलग रहना चाहती थी पत्नी, पति को घर जमाई बनने को कर रही थी मजबूर, दिल्ली हाई कोर्ट ने बताया क्रूरता

सास-ससुर से अलग रहना चाहती थी पत्नी, पति को घर जमाई बनने को कर रही थी मजबूर, दिल्ली हाई कोर्ट ने बताया क्रूरता

बिलासपुर :- शादी के सात महीने बाद पत्नी ससुराल छोड़कर मायके में रहने लगी। पति और उसके परिजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया। हालांकि कोर्ट ने सभी को इस मामले में बरी कर दिया था। इधर, पति ने इन सबके बावजूद दोबारा साथ रहने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया, लेकिन यहां पत्नी ने शर्त रखी कि वह अपने माता- पिता को छोड़कर उसके साथ रहेगा तो वह आने के लिए तैयार है, इसके बाद पति ने आवेदन वापस ले लिया।

इसके बाद फैमिली कोर्ट में तलाक की मांग करते हुए याचिका लगाई, लेकिन कोर्ट ने इसे नामंजूर कर दिया। इस पर हाई कोर्ट में अपील की। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने तलाक मंजूर किया है। दो माह के भीतर पत्नी को गुजारा भत्ता के रूप में एकमुश्त 5 लाख रुपए देने के आदेश दिए गए हैं।

 

 






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