रायपुर: छत्तीसगढ़ में हाल ही में संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनावों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार प्रदर्शन किया है। प्रदेश के सभी 10 नगर निगमों में भाजपा ने बहुमत हासिल किया। इसके अलावा, 49 नगरपालिकाओं में से 36 पर भाजपा ने जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस को केवल 8 सीटों पर सफलता मिली। अन्य दलों को 5 सीटें मिलीं। इन नतीजों से साफ है कि कांग्रेस को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा।
अंबिकापुर में भाजपा की बड़ी जीत अंबिकापुर नगर निगम, जिसे हाई-प्रोफाइल सीट माना जाता है, में भाजपा की महिला उम्मीदवार मंजूषा भगत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी और दो बार के महापौर रह चुके अजय तिर्की को 11,063 मतों के अंतर से पराजित किया। इस चुनाव में 48 वार्डों में से 31 पर भाजपा, 15 पर कांग्रेस और 2 पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।
नगर पंचायतों में भी भाजपा का दबदबानगर पंचायत लखनपुर में भी भाजपा की सावित्री साहू ने 717 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। हालांकि, नगर पंचायत सीतापुर में कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमदान कुजुर ने मात्र 9 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। चुनावी प्रक्रिया के तहत उप जिला निर्वाचन अधिकारी सुनील नायक ने विजयी प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।
महापौर चुनाव में मत विभाजन महापौर पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मंजूषा भगत को 42,836 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के डॉ. अजय तिर्की को 31,773 मत प्राप्त हुए। अन्य प्रत्याशियों में बहुजन समाज पार्टी के प्रकाश कुमार किस्पोट्टा को 340, आम आदमी पार्टी के राजीव लकड़ा को 251, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की माधुरी साडील्य को 236 और हमर राज पार्टी के तरुण कुमार भगत को 361 वोट मिले। नोटा का उपयोग 431 मतदाताओं ने किया।
टीएस सिंहदेव ने कार्यकर्ताओं को दी सांत्वनाअंबिकापुर की नगर निगम सीट कांग्रेस के लिए बेहद अहम थी। इस सीट की जिम्मेदारी प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के कंधों पर थी। उन्होंने कांग्रेस के लिए जोरदार प्रचार किया था, लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बाद यहां भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। चुनाव परिणामों के बाद टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया। उन्होंने लिखा, “नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे हमारी आशा अनुसार नहीं रहे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वह हतोत्साहित न हो, हम कांग्रेसी हैं ,कर्मठ बहादुर और हौसलों से भरपूर। अपने विचारधारा और जन सेवा का संघर्ष हम जारी रखेंगे। ये लड़ाई हम फिर से पूरी ऊर्जा के साथ लड़ेंगे और जरूर जीतेंगे”
इन चुनावी नतीजों से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में भाजपा फिलहाल मजबूत स्थिति में है, जबकि कांग्रेस को खुद को फिर से संगठित करने की जरूरत है।
Comments