गुजरात : गुजरात में जूनागढ़ महानगर पालिका, 68 नगर पालिकाओं और तीन तालुका पंचायतों के लिए आज रविवार (16 फरवरी) सुबह सात बजे से वोटिंग हो रही है, जो शाम छह बजे खत्म होगी. जबकि मतों की गिनती मंगलवार को होगी. गुजरात सरकार द्वारा 2023 में पंचायतों और नगर पालिकाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27% आरक्षण की घोषणा करने के बाद यह पहला स्थानीय निकाय चुनाव है.
बता दें दो हजार से अधिक सीटों के लिए हो रहे चुनाव से दो दिन पहले लगभग दसवां हिस्सा पहले ही बीजेपी की झोली में आ गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, निर्विरोध घोषित की गई 215 सीटों पर कोई चुनाव नहीं होगा, क्योंकि इनमें से हर एक सीट पर केवल एक उम्मीदवार मैदान में रह गया है जबकि बाकियों ने नामांकन वापस ले लिया है. इस तरह अब इन चुनावों में कुल 5,084 उम्मीदवार मैदान में हैं.
बीजेपी यहां जीती निर्विरोध
बीजेपी जूनागढ़ नगर निकाय की नौ सीटों सहित विभिन्न स्थानीय निकायों की 215 सीटों पर अन्य दलों के उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने के बाद निर्विरोध जीत रही है. बीजेपी ने जिन 215 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की है, उनमें से 196 नगर पालिका, 10 जिला और तालुका पंचायत और नौ सीट जूनागढ़ नगर निगम में है. हालांकि, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके उम्मीदवारों ने बीजेपी से धमकी मिलने के बाद अपने नाम वापस लिए. बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया है.
दरअसल, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के कारण 2017 के विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद से कांग्रेस गुजरात में लगातार गिरावट की ओर बढ़ रही है. 2017 के विधानसभा चुनावों में वह 99 सीटों से गिरकर 2022 में 17 पर आ गई. 17 में से पांच विधायकों ने बाद में कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी के टिकट पर वापस जीत गए. वहीं पिछले साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी, जबकि बीजेपी ने फिर से राज्य में 25 सीटें जीतकर जीत हासिल की थी.
कांग्रेस ने क्या कहा?
निकाय चुनाव के बीच कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी का संगठनात्मक ढांचा वास्तव में खराब है, लेकिन इसका कारण यह है कि हम लंबे समय से राज्य और स्थानीय निकायों में सत्ता से बाहर हैं. चुनावों के दौरान और नतीजों के बाद बीजेपी निर्वाचित कांग्रेस नेताओं को लुभाने के लिए अपने पास उपलब्ध सभी तकनीकों का इस्तेमाल करती है.
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने गुरुवार को जूनागढ़ नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार करते हुए कहा कि पार्टी को बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का भरोसा है, क्योंकि मतदाताओं में गुस्सा है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि बीजेपी धन, बाहुबल, पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है और गुंडों को तैनात कर रही है. वे क्यों डर रहे हैं? उन्होंने कहा कि पार्टी ने नाम वापस लेने वाले 215 उम्मीदवारों को निष्कासित करने का फैसला किया है.
OBC कोटा सीमा 10 फीसदी से बढ़कर कितनी हुई?
अगस्त 2023 में राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति झावेरी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नगर निगमों, पंचायतों और नगर पालिकाओं में OBC कोटा सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था. स्थानीय निकायों में SC और ST के लिए मौजूदा कोटा क्रमशः 14 प्रतिशत और 7 प्रतिशत बना रहा जिससे कुल कोटा 50 प्रतिशत की सीमा के भीतर ही रहा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कि OBC के लिए आरक्षण उनकी जनसंख्या के आधार पर होना चाहिए, जुलाई 2022 में झावेरी आयोग का गठन किया गया था.
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