दिल्ली सीएम की रेस में सबसे आगे निकले प्रवेश वर्मा,आधिकारिक ऐलान बाकि

दिल्ली सीएम की रेस में सबसे आगे निकले प्रवेश वर्मा,आधिकारिक ऐलान बाकि

नई दिल्ली: देश का दिल और राजधानी दिल्ली के नव-निर्वाचित सरकार के मुखिया मंगलवार 18 फरवरी को रामलीला मैदान में शपथ लेने वाले हैं। शपथ ग्रहण के ऐलान के बाद सब लोग यह जाने के लिए बेकरार हैं कि आखिर दिल्ली की बीजेपी सरकार का मुख्यमंत्री कौन बनने वाला है?

दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल को सबसे ज्यादा बार पूछे जाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा देना चाहिए। क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आए हुए एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक किसी को यह नहीं पता चल पाया है कि दिल्ली की बागडोर कौन संभालेगा।

प्रवेश वर्मा होंगे दिल्ली के CM!

बीजेपी सूत्रों की मानें तो प्रवेश वर्मा ही दिल्ली के नए सीएम होंगे। बताया जा रहा है कि आलाकमान ने नाम फाइनल कर दिया है। हालांकि इस फैसले पर आधिकारिक मुहर कल विधायक दल की बैठक के बाद लग पाएगी। नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक कल दोपहर होगी।

वरिष्ठ नेताओं ने दी थी सलाह

दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि कि नवनिर्वाचित विधायकों में से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। अब कहा जा रहा है शीर्ष नेतृत्व ने वरिष्ठ नेताओं की सलाह का सम्मान किया है। जिसके बाद वह सभी अटकलें खारिज हो गई हैं जिनमें विधायकों से इतर किसी और को सीएम बनाए जाने की बात कही जा रही थी।

इनके बीच मुख्यमंत्री की रेस

बता दें कि दिल्ली में सीएम की रेस में प्रवेश वर्मा, रेखा गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद, शिखा राय और पवन शर्मा का नाम शामिल था। लेकिन सूत्रों की मानें तो यह रेस प्रवेश वर्मा जीतने में कामयाब रहे हैं। इसके पीछे केजरीवाल को मात देना वजह बताई जा रही है।

पीएम मोदी- शाह देंगे सरप्राइज

फिलहाल यह सूत्रों के हवाले से आई जानकारी है। कई मौकों पर यह देखने को मिला है कि बीजेपी ने ऐन मौके पर सारे सूत्रों को ग़लत साबित किया है। इसीलिए, अगर पीएम मोदी और अमित शाह राजस्थान-मध्यप्रदेश किसी और को सीएम बनाकर सरप्राइज दे दें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

27 साल बाद खिला कमल

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटें जीतीं। आम आदमी पार्टी सिर्फ़ 22 सीटें ही जीत सकी। जबकि कांग्रेस लगातार तीसरी बार ‘शून्य’ पर सिमट गई। भाजपा ने दिल्ली में पहली बार 1993 में जीत दर्ज की थी। तब से भाजपा 27 साल से राष्ट्रीय राजधानी में वनवास झेल रही थी।

क्यों चुना रामलीला मैदान

रामलीला मैदान नई दिल्ली का एक विशाल मैदान है, जहाँ पारंपरिक रूप से रामलीला का आयोजन होता रहा है। इस मैदान का इस्तेमाल धार्मिक उत्सवों, प्रमुख राजनीतिक रैलियों/बैठकों और मनोरंजन कार्यक्रमों के लिए भी किया जाता है। यह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और दिल्ली गेट के पास स्थित है। यहाँ बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इसकी क्षमता 1 लाख तक है।






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