भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता आज के दौर में किसी परिचय की मोहताज नहीं है। दुनिया भर में उनके नाम की तारीफ हो रही है। पिछले कुछ सालों में भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में काफी तरक्की की है। इनमें सड़क, पानी, बिजली, उद्योग आदि शामिल हैं। PM मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की दौड़ में है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की भविष्यवाणी पर अगर यकीन किया जाए तो साल 2030 तक भारत का सपना साकार हो सकता है। इस सफलता में केंद्र की मोदी सरकार का बड़ा योगदान रहेगा।
मोदी सरकार के पीछे हाथ धोकर पड़ा यह संस्था
साल 2014 में जब Narendra Modi पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे तो उस समय भारत की GDP 2,039.13 अरब डॉलर थी। उनके शासनकाल में एक समय ऐसा भी आया जब भारत की जीडीपी बढ़कर 4,112 अरब डॉलर हो गई थी। यानी 10 साल में भारत की जीडीपी में 2,072.87 अरब डॉलर का अतिरिक्त इजाफा हुआ। यह पिछले 10 साल की जीडीपी से कहीं ज्यादा है। अब ये सब देखकर दुनिया की कई संस्था भारत की मोदी सरकार के पीछे पड़े हैं।
ट्रम्प प्रशासन का USAID के बारे में बड़ा खुलासा
पड़ोसी देशों की इस बारे में सोच से दुनिया वाकिफ है। लेकिन आगे जो हम आपको बताने जा रहे हैं, उसे जानकर आप चौंक जाएंगे। दरअसल, इन दिनों मीडिया का मुख्य माध्यम हो या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, हर जगह USAID की चर्चा जोर पकड़ रही है। USAID- वैश्विक मानवीय और विकास सहायता के लिए प्राथमिक अमेरिकी एजेंसी के रूप में लोकप्रिय रही है। अब Donald Trump प्रशासन ने इसे लेकर एक बड़ा राज उजागर किया है। ये जानकर हर भारतीय बाइडेन प्रशासन के खिलाफ गुस्से में है।
USAID से भारतीय चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास
दावा किया जा रहा है कि जो बिडेन के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार आर्थिक मदद के ज़रिए भारत में मतदान बढ़ाना चाहती थी। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका USAID के ज़रिए भारत में लाखों डॉलर खर्च करके Indian Elections को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन Elon Musk के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफ़िशिएंसी (DOGE) ने भारतीय चुनावों से जुड़ी 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द कर दी है।
Elon Musk के बाद अब ट्रंप करेंगे कार्रवाई
मालूम हो कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden सरकार ने इस फंडिंग को मंजूरी दी थी। हालांकि, दावा किया जाता है कि अमेरिका भारतीय चुनावों में वोटिंग बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग देता है। वहीं, अब सवाल उठ रहे हैं कि भारतीय चुनावों में खर्च होने वाले वोटिंग बढ़ाने के नाम पर America द्वारा दिया जाने वाला पैसा कहां जाता है? USAID की फंडिंग किसे दिया जाता है? इस बारे में फिलहाल कोई खास जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस तरह की फंडिंग को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है।
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