हमारे आसपास ऐसे हजारों पेड़ पौधे मौजूद हैं जिनका उपयोग दवाओं के निर्माण में होता है. आयुर्वेद में ऐसे पौधों को बहुत महत्व दिया जाता है. अक्सर जब जड़ी बूटियों की बात होती है तो तुलसी ,गिलोय या अश्वगंधा की सबसे ज्यादा बात होती है. लेकिन कई ऐसे पौधे हैं जिनको बहुत अधिक महत्व नहीं मिल पाता है. इन्हीं में से एक है पलाश(टेसू ) का पौधा. जिस पर गर्मियों में बेहद खूबसूरत फूल लगते हैं. आमतौर पर लोग के इन फूलों को टेसू के फूल भी कहते हैं. यह फूल हमारे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं. आयुर्वेद में भी इन फूलों को एक औषधीय फूल के रूप में जाना जाता है. तो आइए आयुष चिकित्सा अधिकारी से जानते हैं कि ये फूल का हमारे सेहत के लिए किस प्रकार से उपयोगी होते हैं?
आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाली रायबरेली जिले के राजकीय आयुष चिकित्सालय शिवगढ़ की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ स्मिता श्रीवास्तव (बीएएमएस लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ) ने बताया कि बसंत ऋतु के शुरू होते ही पलाश के पौधे में फूल आने शुरू हो जाते हैं. खासकर गर्मियों के मौसम में मिलने वाले ये गुलाबी रंग के फूल हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. पलाश में रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो लिवर, डायरिया और अन्य बीमारियों में इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है. पलाश का पौधा बुखार, चर्म रोग, सिरोसिस, डायबिटीज, मूत्रावरोध, गर्भाधान रोकने और नेत्र ज्योति बढ़ाने सहित कई बीमारियों में लाभदायक है .इसके अलावा पेट में कीड़ा , घाव भरने एवं त्वचा रोग के साथ ही महिलाओं को होने वाली कई गंभीर बीमारियों से बचाने में यह बेहद कारगर होते हैं.
ऐसे करें सेवन
पेट में कीड़े होने पलाश यानी कि टेसू के फूल को सुखाकर उसका पाउडर बनाकर सेवन करें, इसके पत्ते व छाल को पीसकर घाव पर लगा दें, डायबिटीज के मरीज इसके पत्तों के रस का सेवन करें तो उन्हें इससे राहत मिलेगी. इसके फूलों का लेप बनाकर त्वचा पर लगाने से खुजली, रूखेपन की समस्या दूर होती है.
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