नई दिल्ली : बुधवार का दिन भगवान गणेश के साथ-साथ बुध देव के लिए भी समर्पित माना जाता है। माना जाता है कि जिस जातक की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत है, वह बुद्धिमान और संवाद करने में अच्छा होता है। इसी के साथ उस व्यक्ति को कारोबार में भी सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में आप बुधवार के दिन पूरे विधि-विधान बुध स्तोत्र का पाठ कर अपनी स्थिति में लाभ देख सकते हैं।
बुध स्तोत्र -
पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।
धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।1।।
प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।2।।
सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: ।
सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।3।।
उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: ।
सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।4।।
शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: ।
सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।5।।
श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।
रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र: ।।6।।
अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: ।
अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।7।।
गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: ।
यदि बुधवार के दिन आप बुध स्तोत्र का पाठ करते हैं, तो इससे आपको मनचाहा करियर भी मिल सकता है। इसी के साथ ही व्यक्ति के बिजनेस, करियर और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।8।।
ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: ।
कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।9।।
गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा ।
सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।10।।
एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: ।
बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते ।।11।।
।। इति मंत्रमहार्णवे बुधस्तोत्रम ।।
बुध देव के मंत्र
बुध स्तोत्र के साथ-साथ आप बुधवार के दिन बुधदेव के मंत्रों का भी जप कर सकते हैं। इससे भी कुंडली में बुध की स्थिति को मजबूत करने में सहायता मिलती है।
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