नई दिल्ली : वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर श्रद्धालुओं के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है। रोजाना या फिर किसी पर्व के शुभ अवसर पर मंदिर में भक्तों की बेहद खास भीड़ देखने को मिलती है। इस मंदिर से जुड़े कई रहस्य हैं। इनमें बांके बिहारी जी की मंगला आरती से जुड़ा रहस्य भी शामिल है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रोजाना सुबह मंगला आरती का आयोजन नहीं किया जाता है। वैसे सभी मंदिरों में मंगला आरती होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती न होने का कारण? अगर नहीं पता, तो ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इसकी खास वजह के बारे में।
क्या है वजह?
पौराणिक कथा के अनुसार, रोजाना ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रोजाना मंगला आरती नहीं की जाती, क्योंकि रात के समय में बांके बिहारी निधिवन के राज मंदिर में गोपियों के संग रास रचाने के लिए जाते हैं, जिसके बाद वह रात के तीसरे पहर में (रात के 12 बजे से 3 बजे का तक समय तीसरा पहर होता है) ठाकुर जी मंदिर पहुंचते हैं। ठाकुर जी की सेवा बालस्वरूप में की जाती है। इसी वजह से उन्हें सुबह देर से जगाया जाता है।
बांके बिहारी मंदिर में साल में सिर्फ एक बार ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मंगला आरती का आयोजन किया जाता है। इस दिन आरती में अधिक भक्त शामिल होते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात 12 बजे बांके बिहारी जी का अभिषेक किया जाता है। इसके बाद मंगला आरती की जाती है। इस दिन ठाकुर जी निधिवन में रास रचाने के लिए नहीं जाते।
बांके बिहारी मंदिर टाइमिंग
भक्त बांके बिहारी जी के दर्शन सुबह 08 बजकर 45 मिनट से कर सकते हैं और दोपहर में मंदिर के पट 01 बजे बंद होंगे और शाम को 04 बजकर 30 मिनट से रात 08 बजकर 30 मिनट तक का दर्शन का लाभ उठाया जा सकता है। यह समय होली तक जारी रहेगा।
आपकी जानकारी के लिए दें कि बांके बिहारी मंदिर में होली के उत्सव की शुरुआत वसंत पंचमी के दिन हो गई है। यह उत्साह 40 दिनों तक जारी रहेगा।
Comments