135 वर्ष बाद बस्तर राजमहल से निकली राजा की बरात

135 वर्ष बाद बस्तर राजमहल से निकली राजा की बरात

 जगदलपुर :  135 वर्ष बाद बस्तर राजमहल से बुधवार की शाम राजपरिवार के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव की बरात निकाली गई। हाथी पर सवार होकर कमलचंद्र निकले। आगे-आगे ऊंट-घोड़े के साथ लाव-लश्कर चल रहा था।

बरात के आगे बस्तर के विभिन्न जनजातियों के लोकनर्तक नृत्य करते बढ़ रहे थे। इसके बाद विशाल ढोल-नगाड़े और वाद्य यंत्रों से सुसज्जित काफिला था। देश भर से कई राजघरानों के सदस्य भी बरात में शामिल हुए।

1890 में निकली थी राजा रुद्रप्रतापदेव की बरात

राजमहल से होते संजय बाजार, चांदनी चौक, स्टेट बैंक चौक होते हुए बरात वापस राजमहल पहुंची। पूरा शहर इस विशेष अवसर का साक्षी बना। लोग उत्साहित थे और इस पल को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे। बस्तर राजपरिवार में वर्ष 1890 में राजा रुद्रप्रतापदेव की बरात निकाली गई थी।

इसके बाद राजमहल से कभी भी किसी की बरात नहीं निकली। महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी का विवाह 1923 में राजमहल में हुआ था। इसके बाद महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव का विवाह दिल्ली में और उनके दोनों बेटे विजयचंद्र व भरतचंद्र का विवाह गुजरात में हुआ था।

बिंदौली रस्म निभाई गई

राजघराने के दीवान परिवार के सदस्य ठाकुर अजय सिंह बैस ने बताया कि बुधवार को राज परंपरा के अनुसार बिंदौली की रस्म निभाई गई। राजा लाव-लश्कर के साथ बरात लेकर निकले। बुधवार रात वर कमलचंद्र भंजदेव अलग कमरें में रहे।

अब रानी को लेकर ही घर वापस आएंगे। आज चार्टर्ड प्लेन से बरात मध्य प्रदेश के खजुराहो एयरपोर्ट पहुंची, जहां से सड़क मार्ग से सतना जिले के नागौद जाएगी। फिलहाल सभी एक होटल में ठहरे हैं, शादी समारोह रात में होगा।

राजमहल की अतिथि बनी मां दंतेश्वरी

मां दंतेश्वरी का छत्र व छड़ी प्रतिवर्ष बस्तर दशहरा में दंतेवाड़ा से जगदलपुर आती है, पर मां दंतेश्वरी हमेशा ही दंतेश्वरी मंदिर में ही विराजती रही हैं। 135 वर्ष में पहली बार है, जब मां दंतेश्वरी अतिथि बनकर राजमहल पहुंची है।

महल के सामने राजदरबार, जहां बस्तर राजा प्रवीरचंद्र भंजदेव दरबार लगाते थे, वहां सिंहासन पर मां दंतेश्वरी को विराजा गया है। गुरुवार को बरात के साथ मां दंतेश्वरी मध्यप्रदेश के नागौद किले जाएंगी।

रात में सूफी संगीत

बस्तर राजपरिवार में हो रहे विवाह समारोह में देश भर से राजघराने के लोग पहुंचने लगे हैं। अतिथियों के मनोरंजन के लिए प्रतिदिन राजमहल में सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे गए हैं। बुधवार को बैंगलूरु की प्रसिद्ध सुफी कलाकार खनक जोशी ने प्रस्तुति दी। इसका देर रात तक अतिथियों ने आनंद उठाया।






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