बॉलीवुड की छावा फिल्म आने के बाद मुगल शासक औरंगजेब और उसकी खूंखार नीति सुर्खियों में है. आखिरी प्रभावशाली मुगल शासक माने जाने वाले शाहजहां के इस पुत्र के कई किस्से और कहानियां हैं. इन कहानियों की गूंज विदेशों में भी है.
आज भी दुनिया के टॉप-5 यूनिवर्सिटी में औरंगजेब की कहानी पढ़ाई जा रही है. हालांकि, इन विश्वविद्यालयों के पास औरंगजेब को लेकर अपने-अपने किस्से हैं. इस स्टोरी में इसे डिटेल से पढ़िए
1. स्टैंडफोर्ड में औरंगजेब- न भूलाने वाला शख्स
कैलिफोर्निया की स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी की गिनती दुनिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में होती है. स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से औरंगजेब पर एक किताब छपी है, जिसे ऑन्ड्रे ट्रुश्के ने लिखा है.
ट्रुश्के के मुताबिक औरंगजेब न भूलने वाला शासक है. उसने अपने शासन काल में जहां क्रूरता की सारी हदें पार की, वहीं धार्मिक विकास को ज्यादा तरजीह दी. औरंगजेब के शासन में मुगल सल्तनत का खूब विस्तार भी हुआ.
2. कैम्ब्रीज में गैर-कुलीन शासक औरंगजेब
कैम्ब्रीज यूनिवर्सिटी प्रेस के मुताबिक औरंगजेब अपने पूर्वजों से बिल्कुल उलट थे. औरंगजेब से पहले एक तरफ जहां मुगल शासन को आदर्श शासन माना जाता था, वहीं सत्ता संभालने के बाद औरंगजेब ने इसे पलट दिया.
कैम्ब्रीज प्रेस के मुताबिक औरंगजेब अपने पूर्वजों की तरह कुलीन भी नहीं थे. उन्हें दिखावे का भी शौक नहीं था. यही वजह है कि औरंगजेब जब मरा, तो उसका कब्र भी साधारण ही रखा गया.
आखिरी वक्त में औरंगजेब ने अपने कामों का लेखा-जोखा भी किया था, जिसे उसने अपने दोनों बेटे को बताया भी.
3. येल में अंतिम महान मुगल, लेकिन निर्दयी औरंगजेब
येल यूनिवर्सिटी प्रेस ने भी औरंगजेब को लेकर किताबें पब्लिश्ड की है. किताब की लेखिका सुप्रिया गांधी है. येल में औरंगजेब को अंतिम महान मुगल शासक बताया गया है. इसके मुताबिक औरंगजेब के मरने के बाद मुगल सल्तनत की उलटी गिनती शुरू हो गई.
येल प्रेस के मुताबिक औरंगजेब निर्दयी शासक भी थे. सत्ता पाने के लिए उसने अपने भाईयों की हत्या करा दी. वहीं दुश्मनों को लेकर भी औरंगजेब पूरी तरह निर्दीय थे.
4. हावर्ड विश्वविद्यालय में सबसे विवादास्पद औरंगजेब
हावर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से मुगल शासन पर तो खूब लिखा गया है लेकिन औरंगजेब के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है. प्रेस में सिर्फ औरंगजेब के कार्यकाल को बताया गया है. वहीं औरंगजेब को हावर्ड ने सबसे विवादास्पद शासक की उपाधि दी है.
5. सैन फ्रांसिको में धार्मिक कट्टर औरंगजेब
तामिया जमान के हवाले से सैन फ्रांसिको यूनिवर्सिटी ने औरंगजेब को अपने यहां शामिल किया है. इसमें औरंगजेब को धार्मिक कट्टर बताया गया है. हालांकि, जमान ने लिखा है कि औरंगजेब के शासन में कहीं भी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए.
जमान ने औरंगजेब को सबसे चतुर शासक की उपाधि भी दी है. जमान के मुताबिक औरंगजेब समझौते पर भी खास फोकस करते थे.
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