महाशिवरात्रि पर शिवालयों में 26 फरवरी को होने वाले धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी प्रारंभ होने जा रही है. महावीर मंदिर, बेली रोड पंचरुपी महावीर मंदिर, कंकड़बाग शिव मंदिर, बोरिंग रोड चौराहा शिव मंदिर, शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी, सिद्धपीठ छोटी पटनदेवी, गायघाट गौरीशंकर मंदिर व नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, चैलीटाड़ मलिया महादेव मंदिर, करनालगंज स्थित प्राचीन संकट मोचन हनुमान मंदिर दुर्गा स्थान में रूद्राभिषेक व रात में शिव विवाह उत्सव होगा. इस मौके पर शहर के अलग-अलग स्थानों से 32 शोभायात्राएं और शिव-बारात की झांकियां निकाली जायेंगी. शिव का तांडव नृत्य होगा. श्री श्री महाशिवरात्रि महोत्सव शोभायात्रा अभिनंदन समिति की देखरेख में इस बार महाकुंभ में महादेव और महादेव के 19 अवतार की थीम पर आधारित झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी. वहीं शिवरात्रि को लेकर गली-मोहल्लों को सजाने के साथ ही मंदिरों में रंग-रोगन की तैयारी शुरू हो गयी है. पटना जंक्शन के महावीर मंदिर में 46 लोगों ने शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक कराने की बुकिंग करायी है.
बसहा बैल होगा आकर्षण का केंद्र, कोलकाता और रायपुर से मंगायी गयी हैं झांकियां
श्री श्री महाशिवरात्रि महोत्सव शोभायात्रा अभिनंदन समिति की देखरेख में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि महोत्सव मनाया जायेगा. इस मौके पर शहर के अलग-अलग स्थानों से 32 शोभायात्राएं और शिव-बारात की झांकियां निकाली जायेंगी. शोभा यात्रा समिति शिव मंदिर, यारपुर (मीठापुर) में भी आकर्षण झांकी निकालने की तैयारी की गयी है. यहां कोलकाता और रायपुर से झांकियां मंगायी गयी हैं. कोलकाता की झांकियों में एलइडी से जगमग शिवलिंग, गणेश और बसहा बैल आकर्षण का केंद्र रहेंगे. इसके अलावा शोभायात्रा समिति, एजी कालोनी, शिव सती मंदिर, नवकोठिया की समिति अपनी झांकी में भोले शंकर और पार्वती को धरती की सुंदर कलाकृति मूर्ति पर उतारने की तैयारी कर रही है.
श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की जाएगी
बेली रोड, वीरचंद पटेल पथ और जेपी गंगा पथ पर बड़ी-बड़ी शिव पताकाएं लगायी गयी है. जिन मोहल्लों से शोभायात्राएं निकलेंगी, उसका रूट चार्ट तैयार पहले ही कर लिया गया है. जगह-जगह स्टॉल लगाकर श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की जायेगी. मुख्य मार्गों पर तोरणद्वार बनाए जायेंगे. घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को झंडों से पाटा जायेगा. मुख्य समारोह स्थल खाजपुरा शिवमंदिर परिसर को रंगीन बल्बों से सजाया जायेगा. इस बार महाकुंभ में महादेव और महादेव के 19 अवतार की थीम पर आधारित झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी. राजधानी के 251 मंदिरों में एक साथ एक समय पर शिव चर्चा हो रही है. हर मंदिर के लिए अलग-अलग प्रभारी बनाये गये हैं.
60 वर्ष बाद त्रिग्रही योग में 26 को महाशिवरात्रि : आचार्य राकेश झा
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शिव-शक्ति के मिलन का महापर्व शिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी में 26 फरवरी बुधवार को मनाया जायेगा. शिवरात्रि पर सुबह से शाम 4:10 बजे तक शिव का प्रिय श्रवण नक्षत्र रहेगा. उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र विद्यमान रहेगा. महाशिवरात्रि पर वर्ष 1965 के बाद सूर्य, बुध व शनि ये तीनों ग्रह के कुंभ राशि में विद्यमान होने से त्रिग्रही योग का संयोग बन रहा है. सात साल बाद बुधवार के दिन का संयोग रहेगा. करीब 31 वर्ष बाद महाशिवरात्रि पर बुधादित्य योग भी रहेगा. ग्रहों-गोचरों का यह संयोग आध्यात्मिक उन्नति और प्रतिष्ठा में वृद्धि प्रदान करेगा. इस बार विशिष्ठ संयोग में महाशिवरात्रि का पर्व उपासना की दृष्टि से भी विशेष है.
शुभ मुहूर्त में पूजा से कामना की पूर्ति
पंडित राकेश झा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन शुभ संयोग व शुभ मुहूर्त में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा-आराधना करने से श्रद्धालुओं की मनोवांछित कामना की प्राप्ति होगी. महादेव की पूजा यथा श्रद्धा, यथा प्रहर, यथा स्थिति व यथा उपचार के अनुसार करना चाहिए. चार प्रहर की साधना से जातक को धन, यश, प्रतिष्ठा और समृद्धि प्राप्त होती है. सूर्य व शनि पिता-पुत्र है और सूर्य शनि की राशि कुंभ में रहेंगे. इस प्रबल योग में भगवत साधना करने से आध्यात्मिक, धार्मिक उन्नति होती है. वही सूर्य-बुध के केंद्र त्रिकोण का योग पराक्रम व प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए सहायक सिद्ध होगा.
शिव को अर्पित करने वाले वस्तुओं की महत्ता
गंगाजल: मानसिक अशांति से मुक्ति
दूध: उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति
दही: जीवन में स्थिरता, गंभीरता
घी: पौरुष, बल, बुद्धि, विवेक में वृद्धि
मधु: वाणी में मधुरता
गुड़: दुःख, कष्ट व दरिद्रता का ह्रास
इत्र: मन, कर्म, विचार पवित्र
केसर: यश, वैभव व सौम्यता में वृद्धि
भांग: रोग-शोक, कष्ट, नकारात्मक ऊर्जा का नाश
चंदन: मान-सम्मान, यश-कीर्ति में वृद्धि
सुगंधित तेल: धन-धान्य में वृद्धि
धतूरे: संतान सुख
चावल: धन व सुख-समृद्धि
बिल्वपत्र: चल-अचल संपत्ति
राशि के अनुसार शिव आराधना
मेष: जल में गुड़ व कुमकुम मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से संकट से मुक्ति.
वृष: शिव जी को दही व गंगाजल से स्नान फिर सफेद फूल चढ़ाने से संपन्नता व वैवाहिक सुख.
मिथुन: गन्ने के रस से अभिषेक करके भांग-धतुरा अर्पण करने से करियर व संतान सुख.
कर्क: दूध-भांग को गंगाजल में मिलाकर चढ़ाने से सभी वांछित मनोकामना की पूर्ति.
सिंह: भोलेनाथ को लाल चंदन मिश्रित जल व गन्ने का रस से अभिषेक से शुभ परिणामों में वृद्धि .
कन्या: भांग-धतूरा व बेलपत्र अर्पित करने से तनाव में कमी व जीवन में स्थिरता.
तुला: घी व शहद के बाद गंगाजल से अभिषेक करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि.
वृश्चिक: शहद मिश्रित जल से भगवान शिव जी का अभिषेक व लाल चंदन से शुभ फलों की प्राप्ति.
धनु: केसर युक्त जल से अभिषेक, घी का दीपक, पीला फूल अर्पित करने से काम में सफलता.
मकर: गंगाजल में भांग, अष्टगंध मिलाकर अर्पित करने से मनोकामना की पूर्ति.
कुंभ: नारियल पानी के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक से धन लाभ के योग प्रबल.
मीन: गंगाजल, पीला चन्दन व फूल अर्पित करने से स्वास्थ्य उत्तम, धन लाभ के आसार.
इस मंत्र से होगी शिव की पूजा
शिव पंचाक्षरी मंत्र:- ऊँ नम: शिवाय II
शिव गायत्री मंत्र:- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
लघु मृत्युंजय मंत्र: ॐ जूं सः II
महामृत्युंजय मंत्र:- ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
महाशिवरात्रि को लेकर बाजार में तरह- तरह के शिवलिंग और त्रिशुल
महाशिवरात्रि को लेकर शिव भक्त पूजन सामग्री और उससे जुड़ी वस्तुओं की खरीदारी में जुट गये हैं. बाजार में पांच तरह के शिवलिंग, नाग, डमरु और विभिन्न आकार में त्रिशुल और शिव परिवार की मूर्तियां उपलब्ध है. कदमकुआं स्थित श्रीपूजा भंडार के शिव कुमार ने बताया कि शिवलिंग पांच तरह के है. पारद शिवलिंग, स्फटिक शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, काला पत्थर शिवलिंग व मार्बल शिवलिंग है. इस वक्त सबसे अधिक मांग पारद और स्फटिक शिवलिंग की है. यह 10 रुपये से 20 रुपये प्रति ग्राम में उपलब्ध है. इसके अलावा पीतल के त्रिशुल की भी मांग है. साथ ही शिवभक्त डमरु को भी पसंद कर रहे हैं. वहीं शिवरात्रि की तैयारी को लेकर उपवास तोड़ने के लिए भी कई किराना आइटम भी बाजार में उपलब्ध है. सिंघाड़ा का आटा, कट्टू का आटा, पोस्तादाना और साबुदाना की अच्छी मांग है. सिंघाड़ा का आटा 250 रुपये प्रति किलो है. वहीं कट्टू का आटा भी 250 रुपये प्रति किलो है. साबुदाना की मांग सबसे अधिक है. यह 125 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. जबकि पोस्तादाना 1500 रुपये बिक रहा है. मूंगफली 140 रुपये प्रति किलो है.
एक नजर में कीमत
पारद शिवलिंग – 10- 20 रुपये प्रति ग्राम
स्फटिक शिवलिंग – 10 -15 रुपये प्रति ग्राम
नर्मदेश्वर शिवलिंग – 50- 1000 रुपये प्रति पीस
काला पत्थर शिवलिंग – 50- 500 रुपये प्रति पीस
मार्बल शिवलिंग – 50- 500 रुपये प्रति पीस
नाग (तांबा)- 20 – 500 रुपये प्रति पीस
डमरु – 70- 800 रुपये प्रति पीस
त्रिशुल – 50- 5000 रुपये प्रति पीस
नर्मदेश्वर का सेट – 1000- 1500 रुपये प्रति पीस
भांग- 10-20 रुपये प्रति पैकेट
भस्म- 10- 60 रुपये प्रति पैकेट
अबरख- 20-60 रुपये प्रति पैकेट
शिव परिवार (पीतल)- 1000- 6000 रुपये प्रति पीस
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