दिल्ली चुनाव में हार के बाद पहली बार बोले केजरीवाल,हमारी पार्टी गुंडों की पार्टी नहीं

दिल्ली चुनाव में हार के बाद पहली बार बोले केजरीवाल,हमारी पार्टी गुंडों की पार्टी नहीं

नई दिल्ली :  दिल्ली विधानसभा चुनाव में पराजय के साथ 10 वर्षों से ज्यादा का शासनकाल भारतीय जनता पार्टी के हाथों गंवाने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पहली बार पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में AAP सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी ने पूरी बहादुरी के साथ चुनाव लड़ा और गुंडागर्दी के सामने वॉकओवर नहीं दिया।

‘हमने बहुत ही शिद्दत और रणनीति के साथ चुनाव लड़ा’

पूर्व सीएम केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा, ‘हमने बहुत ही शिद्दत और रणनीति के साथ चुनाव लड़ा है। हमने कोई कसर नहीं छोड़ी। हमें खुद को बधाई देनी होगी कि हमने अपना काम अच्छे से किया, लेकिन नतीजा भगवान के हाथ में है।’

केजरीवाल ने कहा, ‘हमने अपना काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मैंने बहुत सोचा कि यह चुनाव दिल्ली के स्तर पर नैरेटिव था और बहुत सी चीजें थीं, मुझे नहीं लगता कि कहीं भी किसी भी चीज में हमने ऐसा या वैसा किया होगा। इस पूरे चुनाव के हीरो आप लोग हैं। आप लोगों ने बहुत कुछ बर्दाश्त किया है। मैं आपमें से बहुतों को जानता हूं। कोई रात 10 बजे तो कोई रात 11 बजे मेरे घर आता था।’

AAP सुप्रीमो ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि आप लोगों पर किस तरह का दबाव डाला गया, आपको किस तरह की धमकियां मिलीं। लेकिन आप लोग गुंडे नहीं हैं, जैसे दूसरी पार्टियों में होते हैं। आप सभी आम लोग हैं। इस बार चुनाव के दौरान कई अन्य पार्टियों के लोग भी शामिल हुए। वे मुझसे पूछते थे कि आप इतने सभ्य लोगों के साथ चुनाव कैसे लड़ते हैं। मैं उनसे कहता था कि हमारी पार्टी सभ्य लोगों की पार्टी है।’

‘हमारी पार्टी गुंडों की पार्टी नहीं’

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘हमारी पार्टी गुंडों की पार्टी नहीं है। तो ये साधारण आम लोग जो दुबले-पतले हैं, इन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता कि ये राजनीति में शामिल हैं, इन्हें बड़ी धमकियां मिलीं और ये डटे रहे। ऐसा नहीं है कि ये लड़ नहीं सकते थे, लेकिन इनमें जज्बा था। ये कहते थे कि हम देखेंगे।’

‘उन्हें लगता था कि गुंडागर्दी करके उन्हें वॉकओवर मिल जाएगा..’

उन्होंने कहा, ‘मेरे पास कई सरकारी अधिकारी भी आए, जो अभी यहां मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अब देखेंगे, नौकरी गई तो गई। उन्होंने हद कर दी। आप लोग उनके सामने खड़े हो गए, ये छोटी बात नहीं है। ये बहुत बड़ी बात है। उन लोगों को लगता था कि गुंडागर्दी करके उन्हें वॉकओवर मिल जाएगा, लेकिन हमने ऐसा नहीं होने दिया। हमने अच्छे से लड़ाई लड़ी। उन लोगों ने आपमें से कई लोगों को लाखों-लाखों रुपये ऑफर किए, लेकिन आप नहीं टूटे। यह आपका ईश्वर से रिश्ता है। आप लोग नहीं टूटे और सत्य के मार्ग पर अडिग रहे।’

उल्लेखनीय है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटें जीतने वाली ‘आप’ को इस बार सिर्फ 22 सीटों से संतोष करना पड़ा। यहां तक ​​कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए। वहीं पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया को भी हार का सामना करना पड़ा।






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