इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों की रिहाई पर लगाई रोक,जानें वजह

इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों की रिहाई पर लगाई रोक,जानें वजह

तेल अवीव: इजरायल ने कहा है कि सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों की रिहाई तब तक नहीं की जाएगी जब तक कि गाजा में बंधक बनाकर रखे गए और लोगों की रिहाई सुनिश्चित नहीं हो जाती। इजरायल ने यह भी कहा कि हमास बंधकों को अपमानजनक तरीके से सौंपना बंद करें। देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने यह बयान उस समय दिया जब कैदियों को ले जा रहे वाहन ‘ऑफर जेल’ के मुख्य द्वार से बाहर निकलने के बाद अंदर लौट गए। 

620 फलस्तीनी कैदियों की होनी थी रिहाई

हमास ने छह इजराइली बंधकों को शनिवार को रिहा कर दिया था। इसके तुरंत बाद 620 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाना था लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया है। शनिवार को रिहा किए गए छह बंधकों में से पांच को नकाबपोश आतंकी भीड़ के सामने मंच पर लाए जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया। बंधकों को सौंपे जाने के इस तरीके की संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने निंदा की है। 

कैदियों की रिहाई में देरी की घोषणा ने युद्ध विराम समझौते के भविष्य को लेकर संदेह पैदा कर दिया है। 

हमास ने बनाया था बंधक

हमास की ओर से छोड़े गए छह बंधकों में से तीन इजरायली पुरुष हैं, जिन्हें नोवा संगीत समारोह से उस समय कैद किया गया था, जब सात अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ा था। रिहा किए गए बंधकों में से दो को हमास ने लगभग एक दशक तक बंधक रखा था। 

यह भी जानें

रिहा गए गए बंधकों को मंच पर लाया गया और इसके बाद बचावकर्ताओं को सौंपा गया। इस तरीके को ‘रेड क्रॉस’ और इजरायल ने क्रूर और अपमानजनक बताते हुए इसकी निंदा की है। ओमर वेंकर्ट, ओमर शेम टोव और एलिया कोहेन को हमास के लड़ाकों के साथ खड़ा किया गया। दबाव में दिख रहे शेम टोव ने दो आतंकियों के माथे को चूमा और भीड़ को चुंबन दिया। उन्होंने सेना की नकली वर्दी पहन रखी थी, जबकि वो सेना के जवान नहीं हैं।






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