छत्तीसगढ़ की राजधानी में नशेड़ियों और सटोरियों ने फिर पसारा पैर

छत्तीसगढ़ की राजधानी में नशेड़ियों और सटोरियों ने फिर पसारा पैर

रायपुर :  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नशे, जुआ और सट्टेबाजी से जुड़े अवैध धंधे पर अंकुश लगाने की कोशिशें लगातार नाकाम होती दिख रही हैं। जहां एक ओर तत्कालीन एसएसपी संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में पूरे जिले में निजात अभियान चलाया जा रहा था, जो अब अभियान सुस्त पड़ते ही फिर से शहर में जुआ ,सट्टा का अवैध कारोबार फलने फूलने लगा है। शहर के विभिन्न इलाकों में अवैध शराब, गांजा और सट्टेबाजी का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। स्थानीय लोगों और प्रेस मीडिया को भी इन अवैध गतिविधियों की जानकारी है।

तत्कालीन एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी और अभियान चलाया था, लेकिन इन प्रयासों को थाना स्तर पर गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में निजात अभियान को सफल बनाना एक चुनौती बन गया है। शहर के मुख्य बाजारों और गली-मोहल्लों में खुलेआम नशे का कारोबार हो रहा है, जिससे युवा पीढ़ी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, सट्टेबाजी और अवैध शराब की बिक्री ने शहर की सामाजिक व्यवस्था को भी बिगाड़ रखा है। कई इलाकों में सट्टेबाजी के अड्डे फल-फूल रहे हैं, जिनके बारे में स्थानीय पुलिसकर्मियों को जानकारी होते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

निजात अभियान इस संकट से निपटने की दिशा में एक अच्छा प्रयास है, लेकिन थाना स्तर पर पुलिसकर्मियों की सुस्ती और मिलीभगत ने इस अभियान को कमजोर कर दिया है। अगर जल्द ही इन अवैध गतिविधियों पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो रायपुर में नशे और सट्टेबाजी के खिलाफ लड़ाई में यह अभियान विफल हो सकता है। आखिर कब थमेगा अवैध नशे और सट्टेबाजी का खेल? रायपुर की जनता अब यह सवाल कर रही है कि आखिर कब तक इस शहर में नशे और सट्टेबाजी का अवैध धंधा चलता रहेगा? क्या पुलिस प्रशासन इस समस्या को नजरअंदाज करता रहेगा, या फिर एसएसपी संतोष कुमार सिंह के निजात अभियान को समर्थन देकर इसे सफल बनाएगा? आम जनता और समाज के हित के लिए पुलिस प्रशासन को जल्द से जल्द इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, अन्यथा यह अवैध धंधा पूरे शहर को अपने चंगुल में जकड़ लेगा।

रायपुर में नशीली टेबलेट के साथ दो अन्तर्राज्यीय आरोपी गिरफ्तार

राजधानी रायपुर में नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई के बाद भी अवैध कारोबारी का मामला नहीं थम रहा है। रायपुर पुलिस ने नशीली टेबलेट के साथ ओडिशा के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों नशीली टेबलेट को बेचने के लिए ग्राहक की तलाश कर रहे थे, मौके पर पुलिस ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ा। उनके कब्जे से 4 हजार 100 नग प्रतिबंधित नशीली टेबलेट नाईट्रोटेन जब्त किया गया है। जब्त टेबलेट की कीमत छह लाख रुपये आंकी गई है।टिकरापारा थाना पुलिस को सूचना मिली कि थाना क्षेत्र स्थित कमल विहार सेक्टर चार के पास चारपहिया वाहन सवार दो व्यक्ति अपने पास प्रतिबंधित नशीली टेबलेट रखें है। इसे बेचने के लिए करने ग्राहक ढूंढ़ रहे हैं। मुखबिर से सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम गठित कर तस्करों की तलाश शुरू की। पुलिस मुखबिर के बताए जगह पर पहुंचकर हुलिए और गाड़ी की पहचान की। इस दौरान पुलिस ने दोनों से पूछताछ शुरू की।

इस दौरान उन्होंने अपना नाम शेख मोइनुद्दीनऔर मोहम्मद नसीर निवासी बरगढ़ ओडिशा का होना बताया। उनके कार की तलाशी लेने पर कार में नाईट्रोटेन नामक प्रतिबंधित नशीली टेबलेट पाया गया। 6 लाख रुपये की नशीली टेबलेट जब्त प्रतिबंधित नशीली टेबलेट रखने और बेचने के संबंध में दोनों से वैध दस्तावेज की मांग की गई, जिसपर उन्होंने कोई दस्तावेज प्रस्तुत न किया। इसके साथ ही पुलिस को लगातार गुमराह किया जा रहा था। इस पर दोनों को गिरफ्तर कर उनके कब्जे से 4 हजार 100 नग प्रतिबंधित नशीली टेबलेट नाईट्रोटेन और घटना से संबंधित कार जब्त किया गया। इसकी कीमत छह लाख रुपये आंकी गई है। इसके साथ ही आरोपियों के खिलाफ थाना टिकरापारा में अपराध क्रमांक 142/24 धारा 22 सी नारकोटिक एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की गई है। बता दें कि रायपुर में नशे के खिलाफ एसपी संतोष सिंह के दिशानिर्देश पर निजात अभियान चलाया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपी: शेख मोइनुद्दीन 36 साल, निवासी जिला बरगढ़,ओडिशा मोहम्मद नसीर 33 साल, निवासी जिला बरगढ़ ओडिशा, हाल पता- कमल विहार, थाना टिकरापारा रायपुर।






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