पंजाब में मंत्रालय घोटाला : 20 महीने तक मंत्री रहे, अब पता चला वो विभाग ही नहीं है

पंजाब में मंत्रालय घोटाला : 20 महीने तक मंत्री रहे, अब पता चला वो विभाग ही नहीं है

पंजाब में मंत्रालय घोटाला सामने आया है. हो सकता है आपने पहले कभी मंत्रालय घोटाला न सुना हो लेकिन जब किसी नेता को ऐसे विभाग का मंत्री बना दिया जाए जो विभाग असलियत में मौजूद ही ना हो तो इसे और क्या कहेंगे. दावा है कि पंजाब में कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को आज से 20 महीने पहले एक ऐसे विभाग का मंत्री बना दिया था गया जो असल में था ही नहीं. अब इस मुद्दे पर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए हैं.

इस विभाग का नाम था प्रशासनिक सुधार विभाग है. इसके जरिए मंत्री जी को सरकार के प्रशासनिक ढांचे में सुधार करने थे, लेकिन वो सुधार तो तब करते जब ऐसा कोई विभाग मौजूद होता. बताया जा रहा है कि ना तो ऐसा कोई विभाग था, ना इस विभाग में कोई कर्मचारी था. इस विभाग का कोई ऑफिस भी नहीं था, और कभी कोई बैठक हुई थी. यानी प्रशासनिक सुधार मंत्रालय के नाम पर पंजाब में सिर्फ मंत्री जी थे बाकि कुछ नहीं. 20 महीने बाद सरकार की नींद खुली तो नोटिफिकेशन जारी कर प्रशासनिक सुधार विभाग ना होने की जानकारी दी.

कुलदीप धालीवाल को जून 2023 में बनाया गया था मंत्री

दरअसल कुलदीप धालीवाल को जून 2023 में में प्रशासनिक सुधार और NRI मामलों का मंत्री बनाया गया. इस हिसाब से वो पिछले 20 महीने से प्रशासनिक सुधार मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. इन 20 महीनों में उन्हें ऐसा कोई विभाग नहीं होने के बारे में पता ही नहीं चला, या फिर हो सकता है उन्होंने पता करने की कोशिश ही नहीं की हो.

धालीवाल बस कागजों में चार्ज संभाल कर बैठे थे, उन्होंने इस दौरान विभाग की कोई बैठक नहीं ली. वो जिस विभाग के मंत्री बने उसका ना कोई ऑफिस था और ना ही कोई कर्मचारी था. फिर भी पता नहीं धालीवाल 20 महीने से क्या जिम्मेदारी निभा रहे थे. इतने लंबे वक्त के बाद अब जाकर सरकार को इसकी जानकारी हुई. सरकार ने बकायदा नोटिफिकेशन जारी किया और प्रशासनिक सुधार विभाग नहीं होने की जानकारी दी जिसके बाद धालीवाल अब बस NRI मामलों के मंत्री रह गए हैं.

मामले ने पंजाब का सियासी तापमान बढ़ा दिया

इस मामले में जिस तरह की प्रशासनिक लापरवाही हुई उसके बाद ये तो कहा सकता है कि पंजाब को प्रशासनिक सुधार की सही मायने में जरूरत है. पूरे मामले ने पंजाब का सियासी तापमान भी बढ़ा दिया. विपक्षी दलों को भगवंत मान सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया. इसमें ना कांग्रेस पीछे रही और ना ही बीजेपी और अकाली दल.

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि कि पंजाब की सरकार भगवान भरोसे चल रही है. वहीं, अकाली दल नेता हरसिमरत कौर ने पंजाब की भगवंत मान सरकार को रिमोट कंट्रोल की सरकार बताया. बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कमान संभाली। उन्होंने कहा कि सीएम भगवंत मान तमाशबीन हैं, और उनके फैसलों से पंजाब सरकार की बेइज्जती हो रही है.

सीएम और मंत्री दोनों ने दी सफाई

हालांकि इस पूरे मामले में विवाद के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान और मंत्री कुलदीप धालीवाल दोनों ने सफाई दी. सीएम मान ने कहा कि प्रशासनिक सुधार का विभाग पहले था जिसका अब नाम बदल दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ विभागों को मिलाकर सरकारी बोझ कम करने की कोशिश है. इस पूरे मामले में मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि पंजाब की सेवा के लिए किसी विभाग का होना या ना होना मायने ही नहीं रखता.






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