राजस्थान के अजमेर में 1990 के दशक में एक सेक्स स्कैंडल सामने आया था। इसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। अजमेर दरगाह से जुड़े नेताओं ने हिन्दू बच्चियों को फंसा कर उनका यौन शोषण किया था। ऐसा ही एक और कांड वापस अजमेर के पास के इलाके ब्यावर से 2025 में सामने आया जिसमें अनपढ़ मुस्लिम लड़कों ने गैंग बनाकर एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली हिन्दू बच्चियों को फंसाया। इस बीच अजमेर से 250 से अधिक बच्चियों के गायब होने की बात राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने कही है।
विधानसभा स्पीकर ने कहा- 200+ बच्चे गायब
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने वासुदेव देवनानी ने ब्यावर के मुस्लिम गैंग के कांड को चिंताजनक बताया है। उन्होंने इसी के साथ कहा है कि अजमेर में 200-250 बच्चे गायब हुए हैं। उन्होंने कहा है कि इनमें अधिकांश लड़कियाँ हैं। उन्होंने इस पर चिंता जताई है। इससे जुड़ा आँकड़ा हाल ही में राजस्थान विधानसभा में सामने आया है। राज्य सरकार ने एक जवाब में बताया है कि बीते एक वर्ष में 7339 बच्चे गायब हुए हैं। राज्य सरकार के अनुसार, गायब होने वालों में अधिकांश लड़कियाँ हैं। हालाँकि, इनमें से कई को वापस खोज लिया गया है।
पुलिस ने बताया- 310 गायब हुए
अजमेर जिले की मानव तस्करी यूनिट के प्रभारी अशोक विश्नोई ने बताया है कि बीते एक साल में 310 बच्चों के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। इनमें से 251 लड़कियाँ थीं। पुलिस ने बताया है कि इन गायब हुए बच्चों में कई को ढूंढ लिया गया है। पुलिस ने कहा है कि इसके लिए वह तकनीक का भी सहारा ले रही है। गायब हुए कई बच्चे-बच्चियों को दूसरे प्रदेशों से भी वापस ढूंढ कर लाया गया है। बच्चों का अपहरण करने वालों को गिरफ्तार किया गया है।
अजमेर में 2022 में POCSO के 85 मामले
राजस्थान अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) की एक रिपोर्ट बताती है कि 2022 में अजमेर जिले में 85 मामले POCSO के तहत दर्ज हुए थे। इसके अलावा जिले में रेप के मामले भी 200 से अधिक थे। अजमेर 2022 में महिलाओं से छेड़खानी के मामलों में भी टॉप पर रहा था। 2022 में अजमेर में महिलाओं से 687 मामले छेड़खानी के दर्ज हुए थे। अजमेर में लड़कियों के अपहरण के भी मामले 2022 में अधिक थे। इनकी संख्या 2022 में 331 थी।
ब्यावर कांड में आरोपितों के खिलाफ गुस्सा
ब्यावर में हिन्दू बच्चियों को फंसा कर उनका शारीरिक शोषण करने वाले और उन्हें ब्लैकमेल करने वाले मुस्लिम लड़कों के खिलाफ गुस्सा थम नहीं रहा है। इस मामले में गिरफ्तार 6 आरोपितों को वकीलों ने दोबारा पीटने की कोशिश कोर्ट परिसर में की। वहीं हिन्दू संगठनों ने इसको लेकर ब्यावर में एक प्रदर्शन रैली आयोजित की। जिस फैफे में हिन्दू लड़कियों को लाकर उनकी अश्लील तस्वीरें बनाई जाती थीं, उसको भी प्रशासन ने सील कर दिया है। उस पर बुलडोजर भी चल गया है।
ब्यावर कांड के आरोपित रिहान मोहम्मद (20 वर्ष), सोहेल अंसारी (19 वर्ष), लुकमान (20 वर्ष), अरमान पठान (19 वर्ष), साहिल कुरैशी (19 वर्ष) को कोर्ट ने दोबारा 7 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले उन्हें 4 दिन की रिमांड पर भेजा गया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने स्कूल बच्चियों को फंसाने के लिए पर्ची डालने और उन्हें कैफे ले जाकर अश्लील फोटो खींचने की बात कबूली थी। पीड़ित हिन्दू बच्चियों ने भी कैमरा पर कहा कि यह लड़के रोजा-कलमा और नमाज की ट्रेनिंग दी थी।
अजमेर कांड की आई याद
अजमेर में यह कांड 1992 में हुआ था। इस दौरान शहर में अचानक कई हिन्दू लड़कियों की न्यूड तस्वीरें वायरल होना शुरू हुई थी। लड़कियाँ सुसाइड करने लगी थीं और पूरा शहर इन तस्वीरों को देख शर्मसार हो रहा था। केस में रसूखदारों के नाम आने लगे थे। सेक्स कांड के आरोपितों के तार दरगाह के खादिमों से जुड़ते मिले थे। पता चला था कि अधिकांश पीड़िता शहर के सोफिया कॉलेज की छात्राएँ थी। मामले के खुलासे के 30 वर्षों तक केस चलता रहा था। इस मामले में 2024 में 6 आरोपितों को उम्रकैद की सजा मिली थी।
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