रायपुर, 27 फ़रवरी 2025 : छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) घोटाले में अधिकारियों और कारोबारियों की मिलीभगत से सरकार को 411 करोड़ रुपए का कर्जदार बना दिया गया। IAS और IFS समेत कई अफसरों ने सिर्फ 27 दिनों में 750 करोड़ रुपए की खरीदी कर ली। इस घोटाले में मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।
महंगी कीमतों पर की गई खरीदारी
CGMSC के अधिकारियों ने मोक्षित कॉर्पोरेशन, रिकॉर्ड्स एवं मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज और सीबी कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम दिया।
10 अधिकारी EOW के रडार पर
शशांक चोपड़ा से पूछताछ के बाद EOW ने 10 अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया है। इनमें शामिल हैं:
कैसे खुला घोटाले का राज?
दिसंबर 2024 में पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने PMO, केंद्रीय गृह मंत्रालय, CBI और ED मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई। केंद्र सरकार के निर्देश पर EOW ने जांच शुरू की और 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की।
जांच के बाद श्री शारदा इंडस्ट्रीज बंद
EOW की जांच के बाद श्री शारदा इंडस्ट्रीज प्रबंधन ने अपनी फर्म को अस्थायी रूप से बंद कर दिया।
कैसे मिलते थे टेंडर?
EOW की जांच रिपोर्ट के अनुसार, CGMSC के अधिकारियों ने मोक्षित कॉर्पोरेशन को 27 दिनों में 750 करोड़ का ठेका दिया।
इस तरह, CGMSC अधिकारियों और कारोबारियों ने मिलीभगत कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया और छत्तीसगढ़ सरकार को करोड़ों रुपए के घाटे में डाल दिया।
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