इस दिन से बंद हो जायेंगे सारे शुभ कार्य,जानें कब से लग रहा खरमास

इस दिन से बंद हो जायेंगे सारे शुभ कार्य,जानें कब से लग रहा खरमास

नई दिल्ली : संक्रांति तिथि आत्मा के कारक सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। सूर्य देव की पूजा करने से साधक को न केवल आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है, बल्कि करियर को भी नया आयाम मिलता है। ज्योतिष भी सूर्य उपासना करने की सलाह देते हैं।

सूर्य देव के धनु और मीन राशि में गोचर करने पर खरमास लगता है। इस दौरान सूर्य के प्रभाव के चलते गुरु का प्रभाव क्षीण या कम हो जाता है। इसके लिए खरमास के दौरान शुभ काम नहीं किया जाता है। मार्च महीने में सूर्य देव मीन राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव के मीन राशि में गोचर करने की तिथि पर मीन संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन से खरमास  शुरू होगा। आइए, खरमास की सही डेट एवं नियम जानते हैं।

सूर्य गोचर 2025 (Sun Gochar 2025)

वर्तमान समय में आत्मा के कारक सूर्य देव कुंभ राशि में विराजमान हैं। इस राशि में सूर्य देव 13 मार्च तक रहेंगे। इसके अगले दिन यानी 14 मार्च को सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य देव 14 मार्च को मीन राशि में गोचर करेंगे। मीन राशि में सूर्य देव एक महीने तक रहेंगे। इसके बाद मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर कर जाएंगे।

कब है मीन संक्रांति (Meen Sankranti 2025)

आत्मा के कारक सूर्य देव के मीन राशि में गोचर करने की तिथि पर मीन संक्रांति मनाई जाएगी। संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। मीन संक्रांति के दिन पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 29 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 29 मिनट से शाम 06 बजकर 29 मिनट तक है।

कब से शुरू हो रहा खरमास?

सूर्य देव के मीन राशि में गोचर करने की तिथि पर मीन संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन से ही खरमास शुरू होता है। 14 मार्च को मीन संक्रांति है। अत: इस दिन से खरमास शुरू होगा। खरमास लगने के साथ ही सभी प्रकार के शुभ कामों पर पूर्ण विराम लग जाएगा। खरमास के दौरान शुभ काम करने से सफलता नहीं मिलती है। वहीं, 14 अप्रैल को सूर्य देव के मेष राशि में गोचर करने पर खरमास समाप्त होगा। 14 अप्रैल से शुभ काम किए जाएंगे।









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