भारत की अर्थव्यवस्था ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही (Q3FY25) में 6.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है, जो कि जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले (5.6%) बेहतर है। यह वृद्धि सरकार के खर्च और शहरी खपत में सुधार के कारण संभव हुई है। विशेषज्ञों ने पहले ही Q3 GDP ग्रोथ 6.2-6.3 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया था।
तिमाही प्रदर्शन का ब्योरा
1. Q3FY25 GDP ग्रोथ: 6.2% (पिछली तिमाही में 5.6%)
2. पिछले साल की समान तिमाही (Q3FY24): 9.5% ग्रोथ
3. 2024-25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान: 6.5%
4. 2023-24 के लिए संशोधित GDP ग्रोथ: 9.2% (पहले 8.2% अनुमानित था)
5. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा 28 फरवरी को जारी किए गए आंकड़ों में यह दिखाया गया कि 2024-25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान पहले के 6.4 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया गया है।
ग्रॉथ के कारण
1. सरकारी खर्च में बढ़ोतरी: सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य प्रोजेक्ट्स में बढ़ा हुआ निवेश किया है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अहम साबित हुआ है।
2. शहरी खपत में सुधार: शहरी इलाकों में लोगों की खर्च करने की क्षमता और खरीदारी में बढ़ोतरी हुई है, जिससे मांग में भी वृद्धि हुई।
3. सर्विस सेक्टर का योगदान: सर्विस सेक्टर, जो भारतीय GDP का एक बड़ा हिस्सा है, ने भी इस दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है।
आगे का अनुमान
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में ग्रोथ दर कम है, लेकिन यह वैश्विक मंदी और महंगाई के बावजूद एक सकारात्मक संकेत है। अगर सरकारी नीतियां सही दिशा में काम करती हैं और वैश्विक आर्थिक हालात स्थिर रहते हैं, तो भारत की अर्थव्यवस्था और तेजी से बढ़ सकती है।
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