सपा विधायक अबू आजमी के निलंबन का सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने स्वागत किया है. शिवसेना-यूबीटी के चीफ उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि अबू आजमी को केवल एक सत्र के लिए नहीं बल्कि स्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाना चाहिए.
उद्धव ठाकरे ने कहा, ''बजट सत्र दो-तीन हफ्ता चलेगा. स्थायी रूप से निलंबन होना चाहिए.'' निलंबन पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि सच पर लगाम नहीं लगाया जा सकता. इस पर उद्धव ठाकरे ने जवाब देते हुए कहा कि, ''वो आपत्ति जताएं लेकिन पूरे महाराष्ट्र ने अबू आजमी के बयान पर आपत्ति जताई है. उनको चुनकर लाना है तो यूपी से चुनकर लाएं. सच का क्या मतलब है, सच वह जानते हैं.'' शिवसेना-यूबीटी और सपा दोनों ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा है.
अखिलेश के इस बयान पर उद्धव का जवाब
अखिलेश यादव ने अबू आजमी का बचाव करते हुए कहा था, ''निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा. हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है. कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है. आज़ाद ख़्याल कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!''
उद्धव ठाकरे ने सरकार से की यह मांग
मीडिया से बातचीत में उद्धव ठाकरे ने कहा, ''मैंने पहले भी कहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज हो या छत्रपति सांभाजी महाराज हो जो भी हमारे महाराष्ट्र के भगवान हैं. उनके खिलाफ गलत नहीं बोलना चाहिए. यह सरकार पर है कि वह इसको लेकर कठोर नियम बनाए.संसद में ऐसा नियम बनाया जाना चाहिए.''
वहीं, छावा फिल्म को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि महायुति में केवल छत्रपति सांभाजी महाराज के बारे में दिखाया गया है लेकिन शिवाजी महाराज के बारे में भी दिखाया जाना चाहिए. हमें उनके बारे में जानना चाहिए जिन्होंने मौत को गले लगा लिया लेकिन धर्म को नहीं छोड़ा.
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