अवैध रूप से परिवहन कर रहे निलगिरी लट्ठा लोड़ ट्रैक्टर को वन अमला ने किया जप्त

अवैध रूप से परिवहन कर रहे निलगिरी लट्ठा लोड़ ट्रैक्टर को वन अमला ने किया जप्त

सरगुजा लखनपुर : इन दिनों तहसील क्षेत्र के बहुतायत ग्रामीण इलाकों में यूकेलिप्टस (नीलगिरी) की अवैध कटाई तथा परिवहन किये जाने कारोबार खुलेआम चल रहा है। प्रतिदिन नाजायज तरीके से 50- 60 ट्रक लोड यूकेलिप्टस छत्तीसगढ़ राज्य से दूसरे प्रांतों की ओर ले जाया जा रहा है। काटे गये यूकेलिप्टस लट्ठों को भंडारण करने चार अलग-अलग ठिकाने बनाये गये हैं।

इन लड़कियों को परिवहन किये जाने का कार्य बड़े पैमाने में किया जा रहा है। जिसकी जानकारी वन एवं राजस्व विभाग को होने के बाद भी आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने से लकडी तस्करों का हौसला बुलंद है। इन बाहरी तस्करों द्वारा धड़ल्ले से बैखौफ यूकेलिप्टस का अवैध कारोबार किया जा रहा है। एक तरफ़ शासन प्रशासन एक पेड़ मां के नाम अभियान चला कर पेड़ लगाने आम आदमी को प्रेरित कर रही है वहीं इन तस्करो द्वारा नीलगिरी के बड़े बड़े पेड़ निर्ममता पूर्वक काट दिया जा रहा है कटते पेड़ों को लेकर लगातार हो रहे शिकायत को देखते हुए वन विभाग के गस्ती दस्ता ने दौराने गस्त लखनपुर चूल्हट नाला के पास पुहपुटरा ग्राम पंचायत से ट्रेक्टर वाहन क्रमांक यूपी 20 सीए 7357 में भरकर ला रहे लिपटस लटठा को 8 मार्च दिन शनिवार को पकड़ा ।लोड लकड़ी से संबंधित चालक से वैध दस्तावेज मांगी गई। परन्तु चालक द्वारा मौके पर कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे वन विभाग के टीम ने लिप्टस लट्ठे से भरे ट्रैक्टर को जप्त कर वन परिक्षेत्र कार्यालय परिसर में खड़ा कर जप्ती कार्यवाही की है।

बताया जा रहा है उक्त ट्रैक्टर में करीब 50 हजार से अधिक लागत का नीलगिरी लट्ठा काटकर लाया जा रहा था ‌।विडम्बना है कि इससे पहले क्षेत्र में सेमल पेड़ बाहरी सौदागरों द्वारा काट कर नेस्तनाबूद कर दिया गया। अब बड़े पैमाने में यूकेलिप्टस का कारोबार किया जा रहा है। नीलगिरी के बड़े विशाल दरख़्त धराशाई कर दिये जा रहे हैं। ग़ैर कानूनी तरीके काटे जा रहे नीलगिरी को लेकर प्रशासन भी मौन साधे हुए हैं। इन बाहरी सौदागरों पर वन राजस्व तथा पुलिस का कोई दखल नहीं होने से लकड़ी तस्कर इस गैरकानूनी कारनामे को अंजाम- दे रहे हैं। कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।
जिससे बिना अनुमति हर रोज काफी तादाद में कांटे गये लकड़ी का परिवहन किया जा रहा है। बताया जा रहा है किसानों को बरगला कर सस्ते दामों में ₹2 किलो के दर से पेड खरीदे जा रहे हैं। ंयूकेलिप्टस के उत्पादक किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा हैं।

किसानों के द्वारा बताया गया कि यूकेलिप्टस लकड़ी को छत्तीसगढ़ से बाहर से आए लोगों के द्वारा ₹2 प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा है जबकि मार्केट रेट में सात रुपए करीब प्रति किलो के हिसाब से उचित दाम है मगर किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा सबसे बड़ी बात यह है कि बगैर अनुमति वैध दस्तावेज के धड़ले से यह कारोबार लखनपुर में फल फूल रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी किसी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं जिससे अवैध कारोबारीयो के हौसले बुलंद हैं । जाहिर है पर्यावरण के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है।






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