गैंगस्टर का फोटोशूट रायपुर जेल में कैसे?

गैंगस्टर का फोटोशूट रायपुर जेल में कैसे?

रायपुर:  पिछले 140 दिनों से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद था झारखंड का गैंगस्टर अमन साहू जिसके ऊपर रायपुर में भी पांच गंभीर अपराधिक मामले दर्ज थे, रायपुर सेंट्रल जेल से झारखंड स्थानांतरित करते वक्त एनकाउंटर में अमन साहू  मारा गया.उसके एनकाउंटर के बाद से सोशल मीडिया पर उसके फोटो वायरल हो रहे हैं, ये फोटो उसके रायपुर सेंट्रल जेल के बताए जा रहे, जेल में उसका फोटो शूट कैसे हुआ? जेलों में मोबाइल एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाईसों के उपयोग की मनाही है तो फिर उसका फोटो खींचा किसने? यह जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही है.

झारखंड के पलामू जिले में मंगलवार को एनकाउंटर में ढेर गैंगस्टर अमन साहू (अमन साव) को सोमवार रात 8.11 बजे रायपुर से लेकर निकली थी। रांची पहुंचने से पहले रास्ते में यह घटना हो गई।

अमन पर छत्तीसगढ़ में अलग-अलग थानों में पांच मामले दर्ज हैं।

एनकाउंटर के बाद अब अमन की फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई है। यह साफ तौर पर फोटोशूट की तरह दिख रहा है। अमन बैरक के अंदर है। बाहर से गेट बंद है। यह फोटो उसी दिन की बताई जा रही है कि जिस दिन वह जेल में गया था।

अमन साहू रायपुर सेंट्रल जेल में पिछले 148 दिनों से बंद था। इस दौरान उसने जेल में न केवल रील बनाई बल्कि फोटोशूट भी कराया जो अब चर्चा का विषय बन गया है।

कनाडा और मलेशिया से ऑपरेट हो रहा फेसबुक अकाउंट

एनकाउंटर में मारे जाने के बाद साहू के गुर्गों ने फेसबुक पर पोस्ट की है, जो अब वायरल हो रही है। पोस्ट में अमन साहू का समर्थन करते हुए कैप्शन लिखा गया है।

मारे जाने के 13 घंटे पहले अमन के फेसबुक अकाउंट से एक फोटो पोस्ट की गई है। उसमें वह सोफे में बैठा हुआ दिख रहा है।

अमन का अकाउंट कनाडा और मलेशिया से ऑपरेट किया जा रहा है। मारे जाने की खबर के बाद एक वीडियो भी पोस्ट किया गया है।

जो फोटो वायरल हो रही है, वह 19 अक्टूबर 2024 के बाद की है। इस फोटो में अमन जेल के सेल में बंद है और उसने विभिन्न पोज देकर फोटोशूट कराया है।

इस फोटो के वायरल होने के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कैसे एक बंदी को जेल में फोटोशूट कराए जाने की अनुमति मिल गई।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

इस फोटो के वायरल होते ही कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि अगर एक गैंगस्टर को जेल में फोटोशूट करने की अनुमति मिली, तो जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है।

रंगदारी नहीं देने पर पीआरए ग्रुप पर अमन ने करवाई थी फायरिंग

रंगदारी नहीं देने पर उसके द्वारा फायरिंग करवाई गई थी। 13 जुलाई 2024 को अमन साहू ने झारखंड जेल में रहते हुए अपने शूटरों को रायपुर भेजकर तेलीबांधा थाना क्षेत्र के पीआरए ग्रुप के बाहर फायरिंग करवाई थी।

अमन को 14 अक्टूबर को कारोबारी पर फायरिंग मामले में रायपुर लाया गया था। इसके अलावा पांच मामले और भी अमन के खिलाफ दर्ज हैं। इसके बाद से 148 दिन तक वह रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद था।

दो केस में 17 सदस्य जेल में बंद

रायपुर पुलिस ने 26 मई को अमन साहू गैंग के पांच शूटरों को वारदात के पहले दबोच लिया था। होटल में 48 घंटे तक चले गोपनीय अभियान के तहत शूटर पकड़े गए थे। इसके बाद अमन ने जेल में रहते हुए 13 जुलाई को पीआरए ग्रुप के बाहर फायरिंग करवाई।

इसके बाद दोनों मामलों में कुल 17 सदस्य पकड़े गए। अक्टूबर में प्रोड्क्शन वारंट में उसे रायपुर लाया गया। उसके बाद से सेंट्रल जेल रायपुर में बंद था।

पीआरए ग्रुप का झारखंड में रोड का ठेका

ठेकेदार प्रहलाद अग्रवाल ने झारखंड में लगभग 800 करोड़ का काम लिया। अमन गैंग के सदस्यों ने रंगदारी मांगी। पैसे देने के लिए एक बैठक बुलाई गई। इसमें अमन के गैंग के चार सदस्य मौजूद थे। इसकी सूचना एटीएस को मिल गई। एटीएस ने चार गुर्गों को दबोच लिया। इसके बाद से अमन बौखलाया हुआ था। उसने रायपुर ठेकेदार के आफिस के बाहर फायरिंग करवा दी।

रायपुर पुलिस की रिमांड पूरी होने के बाद 19 अक्टूबर को गैंगस्टर अमन साहू को न्यायिक रिमांड पर रायपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था।

छत्तीसगढ़ में इन मामलों में अमन का हाथ

चार साल पहले झारखंड में बरबरीक ग्रुप के कार्यालय के बाहर फायरिंग करवाई गई।

ढाई साल पहले कोरबा में इसी कंपनी के दफ्तर के बाहर पर्चा फेंक कर गोली चलवाई।

शंकर नगर में कोयला कारोबारी के घर के बार गोली चलाकर धमकी दी।

26 मई को फायरिंग के लिए शूटर भेजे। वारदात के पहले ही भाटागांव और गंज क्षेत्र से शूटरों को पकड़ लिया गया।

13 जुलाई 2024 को तेलीबांधा में पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर गोली चलवाई गई।

 






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