भिलाई: बिहार के सासाराम रोहतास के बिक्रमगंज के नटवार बाजार में देह व्यापार के ठिकानों से छुड़ाई गईं लड़कियों में दुर्ग जिले की एक युवती और दो नाबालिग शामिल हैं।
इनका घर अंजोरा चौकी और रानीतराई थाना क्षेत्र में है।
इनमें से एक युवती और एक किशोरी के पिता की मृत्यु हो चुकी है। परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है। गरीबी इतनी है कि एक बस्ती में एक-एक कमरे के घर में चार से पांच लोग रहते हैं। कमरे का आकार भी महज 60 से 80 वर्गफीट होगा। गरीबी के चलते ये सभी बिहार पहुंचीं।
वहां इन्हें ऑर्केस्ट्रा में काम करने का झांसा देकर देह व्यापार के दलदल में ढकेल दिया गया। रेस्क्यू की गईं तीनों लड़कियों को पुलिस मंगलवार को बिहार से लेकर रवाना होंगी। बता दें कि बीते छह मार्च को बिहार पुलिस ने नटवार बाजार में संचालित नर्तकी और ऑर्केस्ट्रा पार्टी के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी।
बयान के आधार पर कार्रवाई करेगी पुलिस
वहां से 41 से अधिक लड़कियों को रेस्क्यू किया गया था। सभी लड़कियां छत्तीसगढ़ की हैं। इनमें करीब 20 नाबालिग हैं। दुर्ग जिले के रानीतराई थाना क्षेत्र की एक और अंजोरा चौकी क्षेत्र की दो लड़कियां हैं, जिन्हें लाने के लिए पुलिस बिहार पहुंच चुकी है।
साथ में इन लड़कियों की मां और परिवार के अन्य सदस्य भी हैं। पुलिस, तीनों लड़कियों को मंगलवार देर रात या बुधवार की सुबह तक दुर्ग लेकर पहुंचेगी। इसके बाद उनके बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दो लड़कियों के नहीं हैं पिता, एक की शादी तय
देह व्यापार के दलदल में फंसी तीनों लड़कियां देवार जाति की हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थित बेहद दयनीय है। अंजोरा चौकी क्षेत्र की दोनों लड़कियों के पिता की मौत हो चुकी है। नाबालिग किशोरी के पिता की पांच साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी।
वहीं, युवती के पिता की सात साल पहले तालाब में डूबने से मृत्यु हुई थी। दोनों लड़कियों की मां कबाड़ बीनने का काम करती हैं। दोनों के परिवार में पांच व छह सदस्य हैं। वहीं, रानीतराई थाना क्षेत्र की नाबालिग भी देवार जाति की है। उसके परिवार की स्थिति भी दयनीय है। उस किशोरी की शादी भी तय हो चुकी है।
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