टोंक के चामुंडा माता जी मंदिर पर होली के दिन अलग उत्साह रहता है। आपको बता दें कि इस मंदिर की पूजा का जिम्मा सैकड़ों सालों से मुस्लिम परिवार के पास है।
आवड़ा पंचायत के दाढ़ी मुस्लिम परिवार इस मंदिर की देख रेख करता है। लोगों का कहना है कि माताजी की सेवा, पूजा और आरती यही परिवार सैकड़ों सालों से करता आ रहा है। ऐसी मान्यता है कि माता रानी भी प्रसन्न हैं और आसपास के ग्रामीण भी खुश हैं। खुद मुस्लिम पुजारी भी अपना नाम शम्भू बताते हैं, वह कहते हैं कि माताजी का आशीर्वाद हमारे 100 लोगों के परिवार पर बना हुआ है। चामुंडा माताजी के मंदिर की पूजा-पाठ से हमारा परिवार पलता है, और आसपास के 11 गांवों से हर परिवार हमारे परिवार को 11 किलो अनाज देता है, जिससे हमारा गुजारा होता है।
परिवार को हर साल अनाज देते हैं
आपको बता दें कि चामुंडा माता मंदिर की पूजा-अर्चना कब से मुस्लिम परिवार कर रहा है? इस सवाल पर नगर गांव के पूर्व सरपंच रामजी लाल टेलर कहते हैं कि मंदिर तो लगभग 600 साल पुराना है। सैकड़ों सालों से दाढ़ी मुस्लिम परिवार ही इस मंदिर की सेवा और पूजा कर रहा है। 11 गांवों के लोग मंदिर के मुस्लिम पुजारी शम्भू के परिवार को हर साल अनाज देते हैं। उन्हें कभी लगा ही नहीं कि शंभू मुस्लिम है।
माताजी इस परिवार की पूजा से खुश हैं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चामुंडा माता मंदिर में शाम को आरती के समय मिले शंकर सिंह कहते हैं कि यह मंदिर जागीरदारों से लेकर आज तक ऐसा ही आस्था का केंद्र है। इस मंदिर का पुजारी मुस्लिम परिवार है। रतन लाल कहते हैं कि माताजी इस परिवार की पूजा से खुश हैं, और हमारे यहां सब कुछ माता जी की कृपा से ही हो रहा है। बता दें कि चामुंडा माता का यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर मौजूद है, जो कि दूर से ही नजर आता है। होली पर यहां मेला लगता है। मंदिर से लोगों की आस्था के साथ ही चमत्कार भी जुड़े हैं। अकाल पड़ने जैसे कई तरह के संकेत इसी मंदिर से मिलते हैं।
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