चैत्र नवरात्रि 2025:चैत्र नवरात्रि कब से होगी शुरू, यहां दूर करें कन्फ्यूजन

चैत्र नवरात्रि 2025:चैत्र नवरात्रि कब से होगी शुरू, यहां दूर करें कन्फ्यूजन

चैत्र नवरात्रि 2025: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदू वर्ष का पहला दिन नवरात्रि से शुरू होता है, इस दिन से नया साल शुरू होता है।

साल में 4 नवरात्रि आती है। इसमें एक चैत्र दूसरी शारदीय नवरात्रि और 2 गुप्त नवरात्रि है। नवरात्रि के दिन मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए सुगम साधन है। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान कलश स्थापना (घटस्थापना) करते हैं और विधिपूर्वक उपवास रखते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दौरान देवी दुर्गा का धरती पर आगमन होता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथि व शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 04:27 बजे से शुरू होगी, और 30 मार्च 2025 को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च 2025 (शनिवार) से होगी और समापन 07 अप्रैल 2025 (सोमवार) को होगा।

कलश स्थापना (घटस्थापना) का शुभ मुहूर्त

30 मार्च 2025 (शनिवार)

शुभ समय: प्रातः 06.13 बजे से 10:22 बजे तक

कलश स्थापना और पूजा इस मुहूर्त में करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।

अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM - 12:55 PM

अमृत काल - 02:27 PM - 03:52 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:47 AM - 05:35 AM

सर्वार्थसिद्धि योग - Mar 30 04:35 PM - Mar 31 06:23 AM

नवरात्रि पूजा सामग्री

चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना के लिए पूजन सामग्री में गंगाजल - कलश में भरने के लिए, मिट्टी का बर्तन और जौ (जव) - नवरात्रि के दौरान जौ उगाने के लिए, तांबे, पीतल या मिट्टी का कलश. आम या अशोक के पत्ते - कलश पर रखने के लिए फूल, फूलों की माला - देवी मां की पूजा के लिए मिठाई, फल, पंचामृत - देवी मां को भोग लगाने के लिए दूर्वा, अक्षत (चावल), रुई की बाती - पूजा विधि के लिए सिक्का - कलश में डालने के लिए शुद्ध लाल कपड़ा - देवी की चौकी बिछाने के लिए शहद, इत्र, घी, गुड़, धूप, कपूर, नैवेद्य (प्रसाद) जटाओं वाला नारियल - कलश स्थापना के लिए अखंड ज्योति के लिए दीया - नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाने के लिए कलावा/मौली, सुपारी, सिंदूर - देवी पूजन के लिए किसी पवित्र स्थान की मिट्टी - कलश स्थापना के लिए सभी पूजन सामग्री शुद्ध और स्वच्छ करके पूजा में शामिल करें

चैत्र नवरात्रि के नियम

नवरात्रि के दौरान नियमों का पालन करना चाहिए ताकि दुर्गा मां की कृपा प्राप्त हो।इसके लिए उपासक काले रंग के वस्त्र पहनने से बचे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए नवरात्रि में इसे धारण नहीं करना चाहिए। शराब, तंबाकू और मांसाहारी भोजन का सेवन न करें। यह नवरात्रि के दौरान पूरी तरह वर्जित होता है। नाखून काटना, बाल कटवाना या दाढ़ी बनवाने से बचें। धार्मिक शास्त्रों में इसे अशुभ माना गया है। भोजन में प्याज और लहसुन का प्रयोग न करें। सात्विक भोजन ग्रहण करें। नवरात्रि के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें। हर दिन देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इन नियमों का पालन करने से नवरात्रि का व्रत पूर्ण फलदायी होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

चैत्र नवरात्रि की नौ तारीख

प्रतिपदा 30 मार्च 2025 रविवार मां शैलपुत्री

द्वितीया 31 मार्च 2025 सोमवार मां ब्रह्मचारिणी

तृतीया 1 अप्रैल 2025 मंगलवार मां चंद्रघंटा

चतुर्थी 2 अप्रैल 2 बुधवार मां कूष्मांडा

पं3 3अप्रैल 2025 गुरुवार मां स्कंदमाता

षष्ठी4 4 अप्रैल 2025 शुक्रवार मां कात्यायनी

सप्तमी 5 अप्रैल 2025 शनिवार मां कालरात्रि

अष्टमी 6 अप्रैल 2025 रविवार मां महागौरी

नवमी 7 अप्रैल 2025 सोमवार मां सिद्धिदात्री






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