नई दिल्ली:केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच नई शिक्षा नीति और परिसीमन को लेकर विवाद चल रह है। इस बीच बीजेपी ने तमिलनाडु सरकार पर सरकारी तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (TASMAC) के जरिए 1,000 करोड़ रुपये का शराब घोटाला करने का आरोप लगाया है।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चल रही छापेमारी ने बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया है। हालांकि, इस आरोप को डीएके के नेताओं ने निराधार बताया। बीजेपी ने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन पर घोटाले से ध्यान हटाने के लिए त्रिभाषा नीति और अन्य मुद्दों पर निराधार अफवाहें फैलाने का भी आरोप लगाया।
स्टालिन सरकार पर कैसे लगे भ्रष्टाचार के आरोप?
ध्यान देने वाली बात है कि ये आरोप उसी दिन सामने आए जिस दिन डीएमके सरकार ने राज्य विधानसभा में तमिलनाडु का बजट 2025-26 पेश किया। इस बजट में राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु ने महिलाओं के लिए किराया-मुक्त बस यात्रा योजना, रोजगार सृजन पहल और बुनियादी ढांचे के विकास सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए बड़े आवंटन की घोषणा की।
वहीं, सदन में बजट के दौरान विपक्षी दलों ने घोटाले को लेकर विरोध किया। विपक्षी दलों ने बजट सत्र को बाधित किया गया। विधानसभा में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने कथित घोटाले को लेकर वॉकआउट भी किया।
विपक्ष ने की इस्तीफे की मांग
तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने मांग करते हुए कहा कि राज्य की डीएमके सरकार को कथित घोटाले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके साथ ही राज्य के सीएम एमके स्टालिन को इस्तीफा देना चाहिए। बता दें कि भाजपा के साथ-साथ एआईएडीएमके ने भी ईडी के निष्कर्षों के बारे में राज्य सरकार से स्पष्टीकरण की मांग तेज कर दी है।
जानिए बीजेपी ने क्या लगाए आरोप?
बीजेपी के नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम स्टालिन पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि वे तीन-भाषा नीति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के बारे में अफवाहें फैलाकर ईडी की छापेमारी से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
एक्स पर पोस्ट करते हुए मालवीय ने लिखा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तीन-भाषा नीति, एनईपी, परिसीमन और बजट दस्तावेज़ से ₹ चिह्न हटाने के बारे में निराधार अफवाहें फैला रहे हैं, ताकि तमिलनाडु में टीएएसएमएसी, शराब मंत्री और शराब आपूर्ति करने वाली कंपनियों पर चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी से जनता का ध्यान भटकाया जा सके।
इसके साथ ही उन्होंने दावा कि ईडी ने ऐसे दस्तावेज़ों का पता लगाया है जो डिस्टिलरी द्वारा रिश्वत के रूप में 1,000 करोड़ रुपये के बेहिसाब नकद लेनदेन का संकेत देते हैं। बीजेपी नेता ने मांग करते हुए कहा कि राज्य के सीएम स्टालिन खुलासा करें कि ये अवैध भुगतान किसने प्राप्त किए।
बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
इसी बीच बीजेपी विधायक वनथी श्रीनिवासन ने तमिलनाडु के विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर राज्य सरकार से नियम 55 के तहत आरोपों का जवाब देने का आग्रह किया। उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा,"टीएएसएमएसी में ईडी की जांच में ₹1,000 करोड़ के बेहिसाब नकद लेनदेन का पता चला है, जिसमें हेरफेर किए गए टेंडर और बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं।"
डीएमके ने भ्रष्टाचार के आरोपों का खंडन किया
विपक्ष के आरोपों को खंडन करते हुए राज्य के आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी ने कहा कि टीएएसएमएसी संचालन में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि तलाशी के नाम पर ईडी ने छापे मारे हैं, लेकिन एफआईआर दर्ज किए जाने का साल नहीं बताया है।
राज्य के आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी ने यह भी कहा कि विपक्ष ऐसा माहौल बनाया है जैसे टीएएसएमएसी भर्ती में गलतियां हुई हैं। पिछले चार सालों से बार टेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जा रही है। बिना किसी आधार के, उन्होंने हम पर ₹1,000 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। टीएएसएमएसी टेंडर में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है।