रायगढ़ : रायगढ़ शहर में नालंदा परिसर बनने से पहले ही उसका असर दिखने लगा है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सफल होने का सपना दिखाने वाले नामचीन कोचिंग सेंटरों का नया टारगेट रायगढ़ है। सडक़ पर चलते हुए होर्डिंग और विज्ञापन पोस्टर लेकर घूमती गाडिय़ां इसकी गवाह हैं। किसी भी शहर की हवा ऐसे ही बदलती है। नालंदा परिसर के स्थापित होने से कितने छात्र-छात्राओं को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा, अनुमान भी नहीं लगा सकते। सबसे ज्यादा उन गरीब छात्र-छात्राओं को लाभ होगा, जो पढऩा चाहते हैं लेकिन उनको स्टडी मटेरियल नहीं मिल पाता।
महंगी किताबें खरीदकर पढ़ना उनके बस से बाहर होता है। इसलिए नालंदा परिसर ऐसे सभी छात्रों के लिए वरदान बनने वाला है। इसका असर शिक्षा के बाजार पर भी पड़ा है। बड़े शहरों में खुलने वाले कोचिंग सेंटर्स का अगला पड़ाव रायगढ़ है। सडक़ किनारे इनके होर्डिंग्स लग गए हैं। कई सेंटरों की गाडिय़ां शहर के आसपास घूम रही हैं। आकाश इंस्टीट्यूट, फिजिक्सवाला, पद्मावती के साथ कई नई कंपनियां भी रायगढ़ पहुंच चुकी हैं। आईआईटी जेईई, नीट, पीएससी, नेट, कैट आदि परीक्षाओं के लिए ठोस तैयारी कराने का वादा ये सेंटर कर रहे हैं।
नालंदा के बाद बदल जाएगा रायगढ़
रायगढ़ के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है। हर साल हजारों छात्र-छात्राएं 12वीं पास करके निकलते हैं। जो बाहर जाकर पढ़ाई नहीं कर सकते, वे रायगढ़ के ही विकल्पों को चुनते हैं। नालंदा परिसर शुरू होने के बाद बड़े शहरों की तरह यहां भी विकल्प मिल जाएंगे। एक तरह से रायगढ़ अब नया एजुकेशन हब बनेगा।
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