जस्टिस वर्मा के कथित कैश कांड में नया मोड़,बोरियों में ठूस-ठूसकर भरे थे कैश..जानिए क्या दी सफाई

जस्टिस वर्मा के कथित कैश कांड में नया मोड़,बोरियों में ठूस-ठूसकर भरे थे कैश..जानिए क्या दी सफाई

दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर मिले कथित कैश को लेकर शनिवार (22 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट ने चौंकाने वाला कदम उठाया. शीर्ष अदालत ने पूरी आंतरिक जांच रिपोर्ट घटना से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो के साथ अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी.

वेबसाइट पर अपलोड रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा का बयान भी शामिल हैं. इसमें उन्होंने कहा कि घर के स्टोर रूम में उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी कोई नकदी नहीं रखी थी और वे इस बात का खंडन करते हैं कि कथित नकदी उनकी थी.उन्होंने कहा, ''यह विचार या सुझाव कि यह नकदी हमने रखी थी या संग्रहीत की थी, पूरी तरह से हास्यास्पद है.''

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की तरफ से पेश 25 पन्नों की जांच रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड की है. इस रिपोर्ट में आधिकारिक संचार से संबंधित कंटेंट भी शामिल है, जिसके अनुसार भारतीय मुद्रा की चार से पांच अधजली गड्डियां पाई गईं.

दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने क्या कहा?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जस्टिस उपाध्याय ने लिखा, ''मेरे द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया बंगले में रहने वाले लोगों, घरेलू सहायकों, माली और सीपीडब्ल्यूडी कर्मियों (यदि कोई हो) के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कमरे में प्रवेश करने या पहुंचने की संभावना सामने नहीं आई है.'' जस्टिस उपाध्याय ने 21 मार्च को तैयार रिपोर्ट में कहा, ''प्रथम दृष्टया मेरी राय है कि पूरे मामले की गहन जांच की आवश्यकता है.''

 सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड संवाद

कैसे मामला सामने आया?
4 मार्च को होली की रात लगभग 11.35 बजे जस्टिस यशवंत वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लग गई. इसकी सूचना के बाद दिल्ली दमकल विभाग के कर्मी आग बुझाने पहुंचे. इसी दौरान आग से हुए नुकसान के आकलन के दौरान जले हुए कैश मिले. आग की घटना के दौरान जस्टिस वर्मा घर पर मौजूद नहीं थे.

 






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