CGMSC घोटाले का खुलासा,जहां टेक्निशियन नहीं हैं, वहां भी मशीनें खरीदी गईं

CGMSC घोटाले का खुलासा,जहां टेक्निशियन नहीं हैं, वहां भी मशीनें खरीदी गईं

रायपुर :  छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) पर 411 करोड़ रुपये के मेडिकल उपकरण और रिएजेंट की खरीद में बड़े घोटाले का आरोप लगा है। राजधानी रायपुर के सामुदायिक केंद्रों और अस्पतालों में जांच मशीनों की आपूर्ति को लेकर विवाद बढ़ गया है। सीजीएमएससी ने टेंडर जारी कर राजधानी के अस्पतालों में एक्सरे, खून जांच और सोनोग्राफी मशीनें लगाई हैं, लेकिन कई अस्पतालों में टेक्निशियन की कमी है और कुछ में मशीन रखने की जगह भी नहीं है। इसके अलावा, जिन लैबों के लिए आवश्यक उपकरण खरीदे गए थे, उनमें से अधिकांश खुली नहीं हैं। इसके बावजूद, भारी कमीशन के चलते वहां भी मशीनें लगाई गईं, जहां जांच की सुविधा नहीं थी।

हमर लैबों की स्थिति

14 जिलों में नहीं खोली गईं हमर लैबें।

घोटाले की शुरुआत हमर लैब की स्थापना के समय से हुई है। राज्य के 27 जिला अस्पतालों और 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इन लैबों को खोला जाना था, लेकिन 14 जिलों में अब तक इसकी शुरुआत नहीं हुई है।

जहां ये लैबें चल रही हैं, वहां सुविधाएं अधूरी हैं। जनवरी 2022 में स्वास्थ्य सेवा के निदेशक ने मशीनों और रिएजेंट की आपूर्ति के लिए सीजीएमएससी को पत्र लिखा था, जिससे घोटाले की शुरुआत हुई।

उपकरण खरीदने के नियम

उपकरण खरीदने की प्रक्रिया।

डीएचएस की समिति स्वास्थ्य केंद्रों की आवश्यकताओं का आकलन कर डिमांड तैयार करती है। इसी आधार पर सप्लायर को क्रय आदेश दिया जाता है। लेकिन कमीशनखोरी के चलते इस प्रक्रिया को नजरअंदाज किया गया और मार्च-अप्रैल 2023 में करोड़ों के रिएजेंट और उपकरणों की एक साथ खरीद का आदेश दिया गया।

स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था नहीं होने के बावजूद थोक में रिएजेंट भेज दिए गए, जिससे करोड़ों का सामान खराब हो गया।

मशीनों का उपयोग नहीं

भाटागांव हमर अस्पताल।

भाटागांव अस्पताल में तीन साल पहले एक्सरे मशीन लगाई गई थी, लेकिन टेक्नीशियन की भर्ती नहीं हुई है। मशीन धूल खा रही है।

खोखोपारा हमर अस्पताल।

खोखोपारा अस्पताल में मशीन रखने की जगह नहीं है, फिर भी मशीन लगाई गई। प्रभारी ने बताया कि मशीन का उपयोग नहीं हो सका।

राजातालाब हमर अस्पताल।

राजातालाब अस्पताल में जगह की कमी के कारण एक्सरे मशीन वापस भेज दी गई थी।

ईओडब्ल्यू की कार्रवाई

ईओडब्ल्यू की छापेमारी।

27 जनवरी को ईओडब्ल्यू ने रायपुर और दुर्ग में छापे मारे और कई दस्तावेज जब्त किए। सीजीएमएससी के 5 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

वकील का बयान।

आरोपियों का कहना है कि वे केवल वेतनभोगी कर्मचारी थे और मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।

सीएमएचओ का बयान

डॉ. मिथिलेश चौधरी का बयान।

सीजीएमएससी का काम मशीन आवंटित करना है। खोखोपारा अस्पताल में भवन निर्माण पूरा हो गया है और जल्द ही मशीन चालू की जाएगी।

 









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