भारतमाला प्रोजेक्ट में धांधली : उरगा-पत्थलगांव भारतमाला प्रोजेक्ट की होगी जांच

भारतमाला प्रोजेक्ट में धांधली : उरगा-पत्थलगांव भारतमाला प्रोजेक्ट की होगी जांच

रायगढ़ : अभनपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट में धांधली सामने आने के बाद तीन अफसर सस्पेंड हो चुके हैं। सरकार को दीमक की तरह खोखला करने वाले ऐसे अधिकारी हर जिले में हैं। मिली जानकारी के मुताबिक अब उरगा से पत्थलगांव तक भारतमाला प्रोजेक्ट की भी जांच होगी। शुक्रवार को हुई राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर ने इसकी जानकारी दी है। राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने देश भर में फोरलेन सडक़ों का जाल बिछाने के लिए भारतमाला परियोजना शुरू की है। इसके तहत देश के कोने-कोने में सडक़ें बनाई जा रही हैं। बिलासपुर से पत्थलगांव तक भी फोरलेन रोड प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। पहले चरण में बिलासपुर से उरगा तक 70 किमी के लिए 1050 करोड़ रुपए, दूसरे चरण में उरगा से पत्थलगांव तक 85 किमी 1275 करोड़ रुपए और तीसरे चरण में पत्थलगांव से कुनकुरी से आगे धनबाद बॉर्डर तक 130 किमी सडक़ 1950 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है।

ये अनुमानित एस्टीमेट निर्माण कार्य के लिए है। इसमें भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की राशि शामिल नहीं है। अब इस मामले में भी गड़बड़ी सामने आ रही है। उरगा से पत्थलगांव तक रोड में धरमजयगढ़ के 14 गांव प्रभावित हो रहे हैं। इसमें दो बार अवार्ड हो चुका है। पहले जो एलाइनमेंट था, वह बदल चुका है। नए एलाइनमेंट में बायसी गांव प्रभावित हो रहा है। बताया जा रहा है कि बायसी में लोगों ने मनमाने तरीके से शेड बना लिए हैं ताकि पक्के निर्माण का मुआवजा मिल सके। परिसंपत्तियों के मूल्यांकन और टुकड़ों में जमीन विभाजन को लेकर बिलासपुर कमिश्नर एक जांच कमेटी बनाने जा रहे हैं। 

सिंडीकेट सक्रिय, राजस्व अधिकारी नाकाम

यह गड़बड़ी हर प्रोजेक्ट में होने लगी है जिसे रोकने में राजस्व अधिकारी नाकाम हो चुके हैं। घोटालेबाज दलालों ने राजस्व विभाग को कब्जे में कर लिया है। उन्हीं के कहने पर सर्वे और अवार्ड होते हैं। भारतमाला परियोजना में बिलासपुर से झारखंड बॉर्डर तक बनाई जाने वाली सडक़ में धरमजयगढ़ के वीरान खेतों में भी टिन के शेड व दीवार बनाकर पक्का निर्माण दिखाया जा रहा है। धरमजयगढ़ के बायसी कॉलोनी के आश्रित ग्राम मेंढरमार में सर्वे कई बार हो चुका था। कोल ब्लॉक की जमीन आने पर रोड का एलाइनमेंट बदला गया। जिन किसानों की जमीन जा रही है, उनसे समझौता करके रसूखदारों ने खेतों में निर्माण किए हैैं। 






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