सीबीआई की दबिश :पूर्व CM भूपेश बघेल, विनोद वर्मा, देवेंद्र यादव, 1 पूर्व IAS और 4 IPS समेत कई अन्य के ठिकानों पर

सीबीआई की दबिश :पूर्व CM भूपेश बघेल, विनोद वर्मा, देवेंद्र यादव, 1 पूर्व IAS और 4 IPS समेत कई अन्य के ठिकानों पर

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित निवास पर आज सुबह CBI की टीम ने दबिश दी है. इसके अलावा उनके राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, IPS शेख आरिफ, आईपीएस आनंद छाबड़ा, आईपीएस अभिषेक महेश्वरी, आईपीएस अभिषेक पल्लव, पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, एडिशनल एसपी संजय ध्रुव, आईपीएस प्रशांत अग्रवाल और कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के ठिकानों पर भी CBI ने छापेमारी की है.

सूत्रों के मुताबिक, पूर्व सीएम भूपेश बघेल, नेताओं और अधिकारियों के ठिकानों पर यह कार्रवाई महादेव सट्टा एप मामले से जुड़ी है.

छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्त 2024 में महादेव बेटिंग ऐप घोटाले की जांच आधिकारिक तौर पर सीबीआई को सौंप दी थी. ईडी ने पिछले साल जनवरी में इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी, जिसके बाद इसका जिम्मा एसीबी और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को भी सौंप दिया गया था. इस साल लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले 4 मार्च को एसीबी द्वारा दायर चार्जशीट में भूपेश बघेल को आरोपी बनाया गया था. भूपेश बघेल के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. कई अन्य भी आरोपी बनाए गए थे.

CBI कार्रवाई पर भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया

भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए X (ट्विटर) पर पोस्ट किया कि अब CBI आई है. उन्होंने बताया कि आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली AICC की बैठक के लिए गठित “ड्राफ़्टिंग कमेटी” की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है. उससे पूर्व ही CBI रायपुर और भिलाई निवास पहुंच चुकी है.

बार-बार भूपेश बघेल को एजेंसियों द्वारा परेशान करना बेहद निंदनीय – टीएस सिंहदेव

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने एक्स पर लिखा, बार-बार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एजेंसियों द्वारा परेशान करना बेहद निंदनीय है. ये केवल भूपेश बघेल की छवि को खराब करने की भाजपा की नाकाम कोशिश है. प्रदेश की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को चलाने में असमर्थ साबित हो रही है, इसीलिए जनता से जुड़े मुद्दों से का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे प्रयास कर रही है. पहले ED फिर CBI – जांच एजेंसियों को भाजपा की B team बन कर काम करने से फुर्सत ही नहीं है. अभी हाल में ED द्वारा विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई को रिपोर्ट खुद सरकार को जब दिखानी पड़ी तो निश्चित हो गया कि यह केवल धमकाने और परेशान करने का हथियार बना हुआ है. भाजपा द्वारा राजनीतिक द्वेष की भावना से की जा रही यह कार्रवाई लोकतंत्र का हनन है.

भूपेश बघेल के घर ED पहले कर चुकी है छापेमारी

बता दें कि बीते 10 मार्च को भी ED की टीम ने भूपेश बघेल के भिलाई निवास पर छापा मारा था. ईडी के अफसरों ने पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिवार से 11 घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान दस्तावेजों, सोने-चांदी के जेवरातों की जांच की गई. साथ ही परिवार के सदस्यों के मोबाइल फोन और कॉल डिटेल की जांच की गई. ED ने भूपेश बघेल के घर से 33 लाख रुपये नगद बरामद किए थे.






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