कबीरधाम जिले को अब एक और नई पहचान मिलेगी,146 करोड़ रुपये से होगा अब भोरमदेव का कायाकल्प

कबीरधाम जिले को अब एक और नई पहचान मिलेगी,146 करोड़ रुपये से होगा अब भोरमदेव का कायाकल्प

छत्तीसगढ़ के खजुराहों के नाम से जाने वाले प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर का अब कायाकल्प होगा. इसके लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार ने 146 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. इससे कबीरधाम जिले को अब एक और नई पहचान मिलेगी.

इस राशि की मंजूरी के बाद उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भोरमदेव महोत्सव 2025 का शुभारंभ करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना के 2.0 के तहत देश के पुरातत्व, धार्मिक, पर्यटन, एवं जन आस्था के केन्द्र ऐतिहासिक स्थलों की ख्याति को देश-दुनिया मे बढाने के संकल्पित है. इस योजना के तहत 146 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी है. इसके लिए लगातार एक साल से प्रयास किया जा रहा था और जिलेवासियों के साथ बैठकर कार्ययोजना तैयार की गई थी.

इन जगहों का होगा विकास

भोरमदेव के कायाकल्प को लेकर पहले से कार्ययोजना बनाकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाक़ात कर राशि की मांग किये थे और भोरमदेव के महत्ता के बारे में बताया था.
केंद्रीय मंत्रालय से जो 146 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत हुआ है उससे ऐतिहासिक महत्व के स्थल भोरमदेव मंदिर परिसर, प्राचीन सरोवर, महोत्सव स्थल,दर्शनार्थियों, कावड़ियों सहित समग्र विकास किया जायेगा, इसके अलावा पुरातत्व महत्व मड़वा महल,छेरकी महल, रामचुवा क्षेत्रो का भी पर्यटन विकास किया जायेगा.

कहां है भोरमदेव?

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में कवर्धा से 18 किलोमीटर दूर और रायपुर से 125 किलोमीटर दूर चौरागांव में भोरमदेव एक हजार वर्ष पुराना मंदिर है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह करीब 7 से 11 वीं शताब्दी तक की अवधि में बनाया गया था. यहां मंदिर में खजुराहो मंदिर की झलक दिखाई देती है, इसलिए इस मंदिर को "छत्तीसगढ़ का खजुराहो" भी कहा जाता है.









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