वक्फ कानून को लेकर जल्दबाजी,जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

वक्फ कानून को लेकर जल्दबाजी,जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

 वक्फ (संशोधन) विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद से ही देशभर में बवाल बढ़ता ही जा रहा है। इस नए कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अब तक 6 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं।इन याचिकाओं पर तुरंत सुनवाई के लिए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से अपील की। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने की सहमति दी है। इस मामले पर चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने कहा कि वह दोपहर में याचिकाओं को देखकर आगे की सुनवाई पर फैसला लेंगे। उन्होंने आगे कपिल सिब्बल की अपील के बारे में बात करते हुए कहा कि कोर्ट में याचिकाओं की लिस्टिंग की एक व्यवस्था है। आप मौखिक तौर पर किसी केस की तत्काल सुनवाई कराने के लिए नहीं कह सकते हैं। इसके लिए पत्र लिखकर सामने पेश किया जाना चाहिए।

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इस पर कपिल सिब्बल ने भी कहा कि इसके लिए पत्र पहले ही जमा किया जा चुका है। जिसके बाद चीफ जस्टिस ने दोपहर में जब उनके पास पत्र आएगा तो वह याचिकाओं की सुनवाई पर फैसला लेंगे।

कपिल सिब्बल ने किस याचिका को प्राथमिकता देने की कही बात और क्यों?

कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वक्फ कानून को लेकर कोर्ट को जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे संगठनों की ओर से दाखिल याचिकाएं को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि यह बेहद जरूरी है।

जमीयत उमेला-ए-हिंद ने अपनी याचिका में कहा है कि वक्फ कानून देश के संविधान पर हमला है। यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को छीनने की एक साजिश है, इसलिए उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसे लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद की राज्य इकाइयां भी अपने-अपने राज्यों के अदालतों में इन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देंगी।

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