बिलासपुर : पुलिस ने एक झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया है, जिसके गलत इलाज के कारण दो नाबालिग भाइयों की मौत हो गई. आरोपी की पहचान दीपक गुप्ता उर्फ चिंटू गुप्ता (37 वर्ष) के रूप में हुई है, जो बिना वैध चिकित्सा लाइसेंस के ग्राम टेंगनमाडा में क्लीनिक चला रहा था.
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17 जुलाई 2024 को जब्बार अली, निवासी करवा, ने बेलगहना चौकी में शिकायत दर्ज कराई कि झोलाछाप डॉक्टर चिंटू गुप्ता के गलत इलाज के कारण उनके दो बेटों, इरफान अली (13 वर्ष) और इमरान अली (14 वर्ष) की मृत्यु हो गई. शिकायत के आधार पर पुलिस ने मर्ग जांच शुरू की और एफएसएल रिपोर्ट तथा हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट के आधार पर पुष्टि हुई कि बच्चों की मौत आरोपी के अवैध और लापरवाही भरे इलाज के कारण हुई.
बिलासपुर : पुलिस ने एक झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया है, जिसके गलत इलाज के कारण दो नाबालिग भाइयों की मौत हो गई. आरोपी की पहचान दीपक गुप्ता उर्फ चिंटू गुप्ता (37 वर्ष) के रूप में हुई है, जो बिना वैध चिकित्सा लाइसेंस के ग्राम टेंगनमाडा में क्लीनिक चला रहा था.
17 जुलाई 2024 को जब्बार अली, निवासी करवा, ने बेलगहना चौकी में शिकायत दर्ज कराई कि झोलाछाप डॉक्टर चिंटू गुप्ता के गलत इलाज के कारण उनके दो बेटों, इरफान अली (13 वर्ष) और इमरान अली (14 वर्ष) की मृत्यु हो गई. शिकायत के आधार पर पुलिस ने मर्ग जांच शुरू की और एफएसएल रिपोर्ट तथा हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट के आधार पर पुष्टि हुई कि बच्चों की मौत आरोपी के अवैध और लापरवाही भरे इलाज के कारण हुई.
इसके बाद, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अर्चना झा और अनुविभागीय अधिकारी (कोटा) नुपूर उपाध्याय के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम गठित की गई. टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 16 अप्रैल 2025 को आरोपी दीपक गुप्ता उर्फ चिंटू गुप्ता, निवासी टेंगनमाडा, को गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ धारा 105 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया और उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया. इस ऑपरेशन में बेलगहना चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक भावेश शेंडे, सउनि भरत राठौर, और आरक्षक तरुण केशरवानी की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
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