समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव, अक्सर यह दावा करते हैं कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम उनकी सरकार में शुरू हुआ. अब इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दावा किया है.सीएम के इस दावे से यूपी में सियासी हलचल तय मानी जा रही है. उन्होंने कहा है कि साल 2016 में एक्सप्रेस वे का शिलान्यास तो हुआ लेकिन जमीन नहीं आवंटित की गई थी. न ही इसका अलाइनमेंट तय था.
सीएम ने कहा कि हम लोग जब आए (साल 2017 में सत्ता में) तो हमें बताया गया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बन रहा है. मार्च (साल 2017)में हमने शपथ ली. मई में मैं इसकी समीक्षा कर रहा था. तो मैं तो प्रोग्रेस के लिए समीक्षा कर रहा था. प्रगति कितनी हुई है. तो मुझे बताया गया कि अभी काम शुरू नहीं हुआ है. मैंने पूछा क्यों? मैंने तो सुना है कि सीएम ने साल 2016 में ही शिलान्यास कर दिया था. उन्होंने (अधिकारियों ने) कहा- 'शिलान्यास हुआ है लेकिन लैंड नहीं है.'
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सीएम ने कहा कि अब आप अनुमान करिए कि शिलान्या हो गया लेकिन लैंड नहीं है. मैंने लैंड अक्वायर करने के लिए कहा तो कहा गया कि अभी अलाइन्मेंट नहीं तय है. हिन्दी अखबार अमर उजाला के एक कार्यक्रम में सीएम ने कहा तो मैंने पूछा कि शिलान्यास किसका हुआ है? मैंने सुना है कि इसमें ठेके भी आवंटित कर दिए गए हैं. तो मुझे बताया गया कि हां वो सब हो चुका है.
सीएम ने टेंडर पर किया बड़ा दावा
सीएम के मुताबिक मुझे बताया गया कि पूरा प्रोजेक्ट 15 हजार 200 करोड़ रुपये का है. तो मैंने कहा कि इसको कैंसिल कर के अलाइन्मेंट तय करें इसका. एक साल का समय लगा. हमनें टेंडर करवाया. वहीं पार्टियां (ठेकेदार) आ गईं तो फिर वहीं टेंडर की कीमत 15 हजार 200 करोड़ रुपये में ही टेंडर हुआ. तो मुझे शक हुआ. 2016 का टेंडर 2018 में भी 15,200 करोड़ का कैसे? मैंने सोचा कि दो साल में कुछ तो दाम बढ़े होंगे. फिर मैंने उसे कैंसिल किया. बिल्कुल वही कीमत कैसे. कुछ तो खेल हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि - उसको कैंसिल किया मैंने फिर कहा कि ये काम करो अब टेक्निकल और फाइनशियल भी एक साथ और एक साथ देखो इसमें कैसे कुछ तो खेल हुआ और जब हम लोगों ने एक साथ मंगवाया तो आप आश्चर्य करेंगे कि वही एक्सप्रेसवे हमारा बना है 11,800 करोड़ रुपये में. यानी लूट थी.
सीएम ने कहा कि- ये जो लोग इंग्लैंड की यात्रा करते हैं, इंग्लैंड में होटल बनाते हैं अपना वहां अय्याशी करते हैं, यह वही पैसा है जो देश की प्रदेश की जनता का पैसा और बाद में शराफत का चेहरा ले के आपके बीच में आ के मीठी मीठी बातें करते हैं. ये वही चेहरे हैं जिन्होंने प्रदेश को लूटा. अपने स्वार्थ के लिए उत्तर प्रदेश को जातिवाद के नाम पर बांटा और जब सत्ता में आते हैं तो परिवार का कब्जा जमा के केवल परिवार की बात करते हैं.
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