रोजमर्रा की इन चींजो में मिलाए जाते है पशु अंग

रोजमर्रा की इन चींजो में मिलाए जाते है पशु अंग

हममें से कई लोग शाकाहारी होते हैं. वे मांस-मछली खाते नहीं है और ऐसा मानते हैं कि वे मांस से बनी चीजों का इस्तेमाल भी नहीं कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजमर्रा की जिंदगी में हम अनजाने में ऐसी कई चीजों का इस्तेमाल करते हैं, जो कि जानवारों के मांस, हड्डी या दूसरे हिस्सों से बनती है.

ऐसी चीजें आप अपने घर में लेकर आते हैं, और हर रोज इसका इस्तेमाल करते हैं. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि रोज इस्तेमाल होने वाली उन चीजों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानकारी के बॉडी पार्ट्स से बनाया जाता है.

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जेलैटिन
जेली, मार्शमैलो, दवाइयों की कैप्सूल, बर्फी जैसी चीजों में इस्तेमाल होने वाली जेलैटिन जानवारों के बॉडी पार्ट्स से बनाया जाता है. जेलैटिन जानवरों की हड्डियों, खाल और टिश्यू के निकाला जाने वाला एक सबस्टांस, जो खास तौर पर गायों और सूअरों से मिलता है. बाजार में बिकने वाली मिठाइयां अक्सर हमें वेजीटेरियन लगती है, लेकिन उनमें इस्तेमाल होने वाला जेलैटिन जानवरों से बनाया जाता है.

चीनी
आपको जान कर हैरानी होगी कि बाजार में मिलने वाली सफेद चीनी भी पूरी तरह वेजीटेरियन नहीं होती है. बाजार में बिक रही चीनी को कंपनी में साफ करने से लिए "बोन चारकोल" यानी जानवरों की हड्डियों से बने कोयले का इस्तेमाल किया जाता है. यह चीनी को ज्यादा सफेद और ट्रांसपेरेंट बनाता है.

कॉस्मेटिक और स्किन केयर प्रोडक्ट्स
हैरानी की बात है कि कॉस्मेटिक और स्किन केयर प्रोडक्ट्स में जानवारों के बॉडी पार्ट्स का इस्तेमाल होता है, जिन्हें महिलाएं बड़े ही शौक से इस्तेमाल करती है. रोज इस्तेमाल में आने वाली लिपस्टिक, क्रीम, लोशन, शैंपू, और परफ्यूम में जानवरों में मिलने वाले तत्व जैसे लैनीन, स्क्वालीन और कारमाइन का इस्तेमाल किया जाता है.

च्यूइंग गम
कई च्यूइंग गम में भी जानवरों से मिलने वाला जेलैटिन और ग्लीसरिन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा कुछ गम में भेड़ की स्किन से मिलने वाला लेनोलिन भी मिलता है.

ध्यान रखें
किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसका लेबल पढ़ें. अगर खरीदने डीटेल में 'gelatin', 'stearic acid', 'carmine', 'lanolin', या 'bone char' जैसे शब्द हैं, तो समझ जाएं कि यह प्रोडक्ट पूरी तरह वेजिटेरियन नहीं है.

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