रायगढ़ : साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड की बरौद खदान में भूविस्थापितों ने पुनर्वास लाभ की मांग को लेकर आंदोलन किया था। एसईसीएल ने भी इस मामले में अब पुनर्वास कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। यह समिति ही विस्थापितों के लाभ को लेकर अनुशंसा करेगी। पिछले दिनों कोरबा, दीपका, कुसमुंडा और रायगढ़ क्षेत्र की खदानों में भूमि विस्थापितों ने विरोध प्रदर्शन किया था। घरघोड़ा के बरौद खदान प्रभावितों ने माइंस में आर्थिक नाकेबंदी कर दी थी। कोयले का डिस्पैच पूरी तरह रुक गया था। ग्रामीणों की मांग है कि उनको भी 3 लाख की बजाय ज्यादा राशि दी जाए। कई दौर की बातचीत की बाद एसईसीएल ने आश्वासन दिया था कि इस दिशा में मुख्यालय स्तर पर जल्द से जल्द इसका निराकरण किया जाएगा।
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गुरुवार को एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में भूविस्थापितों की 12 सूत्रीय मांगों सहित अन्य मुद्दों पर भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के साथ बैठक हुई। बैठक में सीएमडी हरीश दुहन, डायरेक्टर तकनीकी (पीपी) एन फ्रेंकलिन जयकुमार, डायरेक्टर पर्सनल बिरंची दास, जीएम भू-राजस्व, जीएम श्रम शक्ति सहित अन्य सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी भी मौजूद थे। दो चरण में लंबी बैठक के बाद परियोजना स्तर पर पुनर्वास कमेटी बनाने पर एसईसीएल सहमत हुआ।
जिला पुनर्वास समिति की तर्ज पर क्षेत्रीय स्तर पर समस्याओं के निराकरण के लिए कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी भूविस्थापितों की मांगों पर निर्णय लेगी। कमेटी की अनुशंसा के आधार पर पुनर्वास लाभ मिलेगा। एसईसीएल की इस उच्च स्तरीय बैठक में रायगढ़ क्षेत्र के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
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