रायगढ़ : बरमकेला अपेक्स बैंक गबन मामले में निलंबित ब्रांच मैनेजर ने पूरे बैंक मुख्यालय को लपेटे में ले लिया है। सहकारी समितियों के करोड़ों रुपए डकारने के बाद पूर्व ब्रांच मैनेजर डीआर वाघमारे ने बैंक के उच्चाधिकारियों ने मानसिक प्रताडऩा का आरोप लगाया है। वहीं अब तक अपेक्स बैंक ने मामले में अपराध दर्ज नहीं कराया है जिससे गबन के आरोपी खुले घूम रहे हैं।अपेक्स बैंक के कई कारनामे एक के बाद एक करके उजागर होते जा रहे हैं। जिन अधिकारियों को अपेक्स बैंक मुख्यालय और शाखाओं की कमान दी गई है, उन्होंने अवैध रूप से रकम की निकासी कर ली। समितियों को अवैध कमाई का जरिया बना लिया गया है। अपेक्स बैंक की बरमकेला ब्रांच में प्रबंधक डीआर वाघमारे, लिपिक आशीष पटेल, मीनाक्षी मांझी समेत आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी हटाए जा चुके हैं।
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प्रारंभ में पता चला कि समिति के खातों से करीब 4 करोड़ रुपए का आहरण कर गबन कर लिया। अब पता चला है कि बरमकेला अपेक्स बैंक ब्रांच में छह समितियों में इस लिमिट से कई गुना अधिक ऋण निकाल लिया गया। छह समितियों बड़े नावापारा, बोंदा, लोधिया, साल्हेओना, पंचधार और कंठीपाली में ब्याज अनुदान के अनुसार कुल 1.97 करोड़ का लोन स्वीकृत था। समिति के अल्पकालीन ऋण खाते से 15.63 करोड़ रुपए निकाल लिए गए। मतलब कुल 13.67 करोड़ रुपए का फर्जी आहरण कर लिया गया। समितियों के खातों की जांच में सारी जानकारी सामने आई है। यह बेहद गंभीर मामला है क्योंकि इससे समिति पर लोन चढ़ गया, जिसका लाभ किसानों को नहीं मिला।
गबन के रिकॉर्ड तोडऩे के बाद अब जानकारी मिली है कि निलंबित ब्रांच मैनेजर डीआर वाघमारे ने राज्य के अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में मानसिक प्रताडऩा एवं पैसों की मांग करने का उल्लेख है। उन्होंने मुख्यालय के अफसरों पर आरोप लगाया है। अपेक्स बैंक के डीजीएम भूपेश चंद्रवंशी और लेखाधिकारी विवेक ठाकुर के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं।
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बयान लिया, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी
बरमकेला अपेक्स बैंक ब्रांच में हुए गबन के मामले को मुख्यालय छिपाने में लगा हुआ है। एमडी केएन कांडे और भूपेश चंद्रवंशी के अलावा कुछ अन्य अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। अपेक्स बैंक रायगढ़ के नोडल पंकज सोढ़ी ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। समिति प्रबंधकों को रायपुर बुलाकर बयान दर्ज करवाए गए हैं। बताया जा रहा है कि सभी प्रबंधकों ने अपने आप को बचाते हुए पूरा दोष ब्रांच मैनेजर औा कर्मचारियों पर डाल दिया है। कुछ प्रबंधकों की भूमिका बहुत संदिग्ध है। प्रबंधकों को चुप रहने के बदले कटमनी भी दी गई है। इसीलिए प्रबंधकों ने मुंह बंद कर रखा है।
खाद की रकम भी निकाली
अपेक्स बैंक बरमकेला के ब्रांच मैनेजर वाघमारे के कार्यकाल में समिति के खातों में करोड़ों निकाल लिए गए। एबीआर इंफ्रा और सीडीओ सिक्योरिटी के ठेका कर्मचारियों की मदद से करीब गबन किया गया है। समिति के फर्टिलाइजर और बीज वाले एकाउंट से रकम को किसानों के शेयर एकाउंट में डाला। उस राशि को आहरित कर हड़प लिया। यह रकम भी लाखों में है। दरअसल एफसीसी खाते में किसानों द्वारा लिए गए खाद-बीज लोन वसूली की रकम जमा की जाती है। यह रकम मार्कफेड और बीज निगम को ट्रांसफर की जाती है क्योंकि खाद-बीज इन्हीं से मिलता है। एफसीसी से राशि दूसरे एकाउंट में नहीं दी जा सकती।
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