ऑपरेशन सिन्दूर : भारत ने पाकिस्तान के इन 4 जगहों को ही क्यों बनाया निशाना?

ऑपरेशन सिन्दूर : भारत ने पाकिस्तान के इन 4 जगहों को ही क्यों बनाया निशाना?

पहलगाम में 22 मई को धर्म पूछकर 26 हिंदू पर्यटकों की हत्या का भारत ने बदला ले लिया है. भारतीय वायु सेना ने फाइटर जेट के साथ मंगलवार आधी रात के बाद उसके 9 आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त एयर स्ट्राइक कर दी.

इस हमले में पाकिस्तान में जगह-जगह आग के गुब्बार उठ खड़े हुए. भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में घबराहट फैली हुई है और उसने अपने एयर स्पेस को पूरी तरह बंद कर दिया है. पाकिस्तानी सेना ने इस हमले पर पलटवार करने की धमकी दी है, जिसके बाद भारत ने सीमा पर अपने एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत कर दिया है.

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इन 4 जगहों को ही क्यों बनाया निशाना?

भारत ने पाकिस्तान के जिन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, उनमें मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके और कोटली प्रमुख रूप से शामिल रहे. लेकिन आखिर इन्हीं जगहों को टारगेट क्यों किया गया. आपको इसके पीछे भारतीय सेना की रणनीति समझनी चाहिए. असल में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) आतंकवादी गतिविधियों के प्रमुख केंद्र माना जाता है. वहां पर कई आतंकी संगठनों, खासकर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अड्डे हैं.

मुजफ्फराबाद

मुजफ्फराबाद की बात करें तो यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की राजधानी है. यहां पर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के प्रशिक्षण शिविर और ठिकाने लंबे समय से सक्रिय रहे हैं. इन कैंपों में भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाने और प्रशिक्षण देने का काम किया जाता रहा है. आज की एयर स्ट्राइक में वहां जैश और लश्कर के अड्डों को नष्ट कर दिया गया. पाकिस्तान सेना के DG-ISPR लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने पुष्टि की कि मुजफ्फराबाद में तीन स्थानों पर हमले किए गए.

कोटली

यह PoK में स्थित एक जिला है. वहां पर जैश और दूसरे आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग सेंटर मौजूद थे, जो भारत में घुसपैठ और हमलों की योजना बनाते हैं. यह जिला एलओसी पर भारत की सीमा से सटा हुआ है. हमले से पहले भारतीय सेना को कोटली में बड़ी संख्या में आतंकी मौजूद होने की जानकारी मिले थे. जिसके बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

बहावलपुर

यह स्थान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है. यहीं पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है, जहां पर बैठकर मसूद अजहर भारत में आतंक की गतिविधियों को अंजाम देता है. जैश के इस मुख्यालय को आतंकवादियों के प्रशिक्षण और भर्ती के लिए "आतंकी फैक्ट्री" के रूप में जाना जाता है. वर्ष 2019 में, पुलवामा हमले के बाद, पाकिस्तानी सेना ने दिखावे के लिए इस मुख्यालय पर कब्जा करने का दावा किया था, लेकिन असलियत ये थी कि मसूद अजहर को दुनिया की नजरों से बचाते हुए सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया था.

भारतीय वायुसेना ने मंगलवार रात ऑपरेशन सिंदूर" के तहत बहावलपुर के अहमद ईस्ट क्षेत्र में सुभानुल्लाह मस्जिद समेत कई आतंकी ठिकानों पर हमले किए. इन अटैक में आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे, इसका स्ट्राइक में खास ध्यान रखा गया था. जब बहावलपुर में जैश के मुख्यालय पर हमला बोला गया, तब वहां पर 70 मौलवियों और 600 आतंकी रंगरूटों के मौजूद होने की खुफिया रिपोर्ट थी. माना जा रहा है कि कई आतंकी इस हमले में मारे गए हैं.

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मुरीदके

यह स्थान भी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर के पास है और लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र रहा है. वहां पर आतंकियों को जिहादी विचारधारा और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है. वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों की योजना लश्कर के इसी आतंकी अड्डे पर बनाई गई थी. अपने नापाक कारनामों को छिपाने के लिए लश्कर ने वहां पर मदरसों और धर्मार्थ संगठन खड़े कर रखे हैं, जो आतंकी गतिविधियों को छिपाने का काम करता है.









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