रायपुर : जब आप रेल से सफर करते है तो उसमें लिखा हुआ एक स्लोगन पढ़ने में आता है कि सरकारी संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति है इसकी सुरक्षा करें। इस स्लोगन का छत्तीसगढ़ के अफसर अक्षऱशः पालन कर रहे हैं। मामला गरियाबंद के एक अधिकारी का है जो सरकारी वाहन टाटा नेक्सान सीजी02-एयू-0424 का उपयोग अपनी जागीर की तरह कर रहे है। गरिय़ाबंद जिला प्रशासन के अधिकारी डीईओ (जिला एक्साइज अधिकारी) मुकेश अग्रवाल आवंटित सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल निजी और पारिवारिक यात्रा और सैर-सपाटे के लिए कर रहे हैं। ज्यादातर अधिकारी सरकारी गाड़ी का निजी इस्तेमाल सब्जी-भाजी खरीदने से लेकर बच्चों को स्कूल लाने ले जाने और मैडम को शापिंग कराने में करते हैं।
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लेकिन गरियाबंद आबकारी अधिकारी की सरकारी गाड़ी पिछले दिनों राजधानी की रेलवे स्टेशन पर नजर आई। ऐसा इसलिए नहीं था की अधिकारी किसी सरकारी प्रयोजन से रेलवे स्टेशन आए थे या उन्हें सरकारी कार्य से कहीं बाहर दौरे पर जाना था बल्कि कार अधिकारी की पुत्री को जो कहीं बाहर से रायपुर रेलवे स्टेशन में उतरने वाली थी उसे रिसीव करने और गरियाबंद ले जाने के लिए आई थी। स्टेशन पर अधिकारी की बेटी का कार में बैठते हुए वीडियो भी सामने आया है। जानकारी के अनुसार मुकेश अग्रवाल अपने सारे निजी काम के लिए सरकारी गाड़ी का ही उपयोग करते है।
सरकारी नियम के अनुसार अधिकारी सरकारी गाड़ी का उपयोग सिर्फ सरकारी काम के लिए ही कर सकते है और उसी के लिए ही उन्हें ईंधन मिलता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में कानून -कायदे को ताक में रखकर अधिकारी सरकारी गाड़ी का भरपूर दोहन कर रहे है। जाहिर है इस अधिकारी के पास भी अपने निजी वाहन होंगे, लेकिन जब सरकारी गाड़ी की सुविधा मिली हो तो अपना पैसा क्यों खर्च करेंगे। हमने इस संदर्भ में उक्त अधिकारी से फोन पर उनकी प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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