पाकिस्तान अपनी कायरतापूर्ण हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पहले उसने कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला करवाया। धर्म पूछकर लोगों को गोली मारी गई। इसके बाद जब भारतीय सेनाओं ने आंतकी ठिकानों को ध्वस्त करके इसका बदल लिया तो पाकिस्तान ने फिर से उकसाने वाली कार्रवाई की। पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों में मिसाइल से हमला किया। इसके बाद से पाकिस्तान की तरफ से लगातार ड्रोन और मिसाइल से हमले हो रहे हैं। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन सभी हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया है। लेकिन पाकिस्तान की इकोनॉमी की हालत ऐसी नहीं है कि वह इस युद्ध को झेल सके।
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44 गुना बड़ा है हमारा खजाना
पाकिस्तान हमारे साथ युद्ध में फंस तो गया है, लेकिन उसकी इकोनॉमी बर्बाद होना तय है। पाकिस्तान हमारे साथ दूर-दर तक टक्कर में नहीं है। आप इसी से समझ लीजिए कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पाकिस्तान से 44 गुना ज्यादा बड़ा है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 688.13 अरब डॉलर का है। दूसरी तरफ पाकिस्तान के पास सिर्फ 15.48 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। इसमें से भी स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास सिर्फ 10.33 अरब डॉलर का ही भंडार है और 5.15 अरब डॉलर का मुद्रा भंडार कमर्शियल बैंकों के पास है।
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क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?
किसी भी देश का विदेशी मुद्रा भंडार उस देश की इकोनॉमी का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसे देश का खजाना भी कहा जा सकता है। यह किसी भी देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा फॉरेन करेंसी, गोल्ड और दूसरे ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में रखे गए एसेट्स हैं। किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए यह भंडार महत्वपूर्ण होता है। विदेशी मुद्रा भंडार के कई कंपोनेंट्स होते हैं। इसमें फॉरेन करेंसी एसेट्स, गोल्ड रिजर्व, विशेष आहरण अधिकार और IMF के पास आरक्षित स्थिति शामिल होते हैं।