कोरिया। सोनहत : जनपद पंचायत में महिला बाल विकास कार्यालय में पदस्थ एक लेखपाल का तबादला पिछले 40 वर्षों से नहीं हुआ है, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता और आश्चर्य की लहर दौड़ गई है। इस लेखपाल ने अपने स्थायी पदस्थापन को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि "मेरे लिए नियम ही नहीं बने," जो प्रशासनिक प्रक्रिया और कार्यकुशलता पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस लेखपाल का स्थान हमेशा एक ही रहा है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या एक ही व्यक्ति का लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहना कार्यकुशलता को प्रभावित कर सकता है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि इस स्थिति से विभाग में पारदर्शिता की कमी आ सकती है और यह प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बाधित कर सकता है।
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इस मामले में संबंधित अधिकारियों को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि विभाग में कार्यकुशलता और पारदर्शिता बनी रहे। स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा है कि एक ही व्यक्ति का इतने लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह प्रशासनिक सुधारों की दिशा में भी एक बाधा है।
घोटालों की सुर्खियों में:
इस लेखपाल के अलावा, हाल ही में मुख्यमंत्री कन्या विभाग योजना के अंतर्गत सामूहिक कन्या विवाह समारोह में भी विवाद उत्पन्न हुआ है। समारोह में वितरण किए गए सामान की गुणवत्ता को लेकर नव विवाहित जोड़ों ने शिकायत की है कि उन्हें बहुत ही घटिया गुणवत्ता का सामान दिया गया है। इस मामले में भी लेखपाल की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अक्सर घोटालों की सुर्खियों में रहते हैं।
सोनहत महिला बाल विकास में लेखपाल के स्थायी पदस्थापन और सामूहिक कन्या विवाह समारोह में घटिया सामान वितरण की घटनाएं प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यकुशलता पर गंभीर प्रश्न खड़ा करती हैं। स्थानीय निवासियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, संबंधित अधिकारियों को इस मामले में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि विभाग में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। यह न केवल स्थानीय लोगों के विश्वास को बहाल करेगा, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी सुदृढ़ करेगा।
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