भारतीय सेना ने एक बार फिर दुश्मन देश पाकिस्तान को सख्त शब्दों में चेतावनी दी है। सेना ने आज कहा कि भारत जब चाहे, जहां चाहे... पाकिस्तान के आतंकियों को घुस कर मारेगी। सेना की ओर से आज रामचरितमानस की एक चौपाई का भी जिक्र किया गया है।
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भय बिनु होय ना प्रीति
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर मार्शल एके भारती ने रामचरितमानस की चौपाई पढ़ते हुए कहा, 'विनय ना मानत जलधा गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति...'।
भगवान राम ने गुस्से में आकर कही ये बात
बता दें कि यह लाइन गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की है। यह अयोध्याकांड में है, जब श्रीराम समुद्र से लंका जाने के लिए मार्ग देने की प्रार्थना करते हैं, लेकिन समुद्र नहीं मानता है। तब भगवान श्रीराम गुस्से में आकर कहते हैं...
"विनय ना मानत जलधि गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति।।"
जैसे को तैसा सबक देना ही पड़ेगा
इसका मतलब है कि समुद्र तीन दिन तक भगवान राम द्वारा विनम्र से की गई प्रार्थना को नहीं मानता है, तब भगवान राम गुस्से में कहते हैं कि बिना डर के कोई आज्ञा भी नहीं मानता है। जैसे को तैसा सबक देना ही पड़ेगा।
याचना नहीं अब रण होगा
इस बार भारतीय सेना दुश्मन देश पाकिस्तान को छोड़ने वाली नहीं है, ऐसे सेना के रुख से साफ नजर आ रहा है। आज भारतीय सेना प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत ही रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘याचना नहीं अब रण होगा’ से की गई।
अब पाकिस्तान को छोड़ने वाली नहीं है भारतीय सेना
दिनकर की कविता 'याचना नहीं, अब रण होगा,' की पंक्तियां सुनाकर भारतीय सेना ने आज संदेश दिया कि अब अन्याय के खिलाफ युद्ध का समय है। भारत अब पाकिस्तान को छोड़ने वाली में से नहीं है। पाकिस्तान ने भारत में आतंक के नाम पर दहशतगर्दी फैलाई तो युद्ध होकर रहेगा। भारत दुश्मन देश पाकिस्तान को जंग के मैदान में ढेर कर देगा।
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