भारतीय वायुसेना (IAF) में पायलट बनना एक सम्मानजनक और चुनौतीपूर्ण करियर है। इसके लिए चार मुख्य रास्ते हैं: National Defence Academy (NDA), Combined Defence Services (CDS), Air Force Common Admission Test (AFCAT), और NCC Special Entry। हर रास्ते की अपनी एलिजिबिलिटी और प्रक्रिया है, जैसे 12वीं में फिज़िक्स-मैथ्स, ग्रेजुएशन, या NCC सर्टिफिकेट। प्रक्रिया में लिखित एग्ज़ाम, SSB इंटरव्यू, मेडिकल टेस्ट, और CPSS (Computerised Pilot Selection System) शामिल हैं। ट्रेनिंग के बाद आप फाइटर, ट्रांसपोर्ट, या हेलिकॉप्टर पायलट बन सकते हैं।
भारत में वायुसेना पायलट्स सुखोई, राफेल, और तेजस जैसे जेट्स उड़ाते हैं। हाल ही में AFCAT 1 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन दिसंबर 2024 से शुरू हुए, जो इस करियर में इंटरेस्टेड लोगों के लिए मौका है। ये रास्ते पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए खुले हैं, लेकिन कुछ में सिर्फ़ Permanent Commission मिलता है। अगर आप इस करियर की प्रक्रिया, ट्रेनिंग, और रोल्स जानना चाहते हैं, तो ये डिटेल्स आपके लिए हैं। आइए, इसे करीब से देखें।
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पायलट बनने के रास्ते
वायुसेना में पायलट बनने के चार मुख्य रास्ते हैं। NDA एंट्री 12वीं के बाद है। इसके लिए पुरुष कैंडिडेट्स (16.5-19.5 साल) को 12वीं में फिज़िक्स और मैथ्स के साथ 50% से ज़्यादा मार्क्स चाहिए। UPSC NDA एग्ज़ाम पास करने के बाद SSB इंटरव्यू, मेडिकल टेस्ट, और CPSS क्लियर करना होता है। ये Permanent Commission देता है। CDS एंट्री ग्रेजुएट्स के लिए है। 20-24 साल के पुरुष, जो किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट हों, UPSC CDS एग्ज़ाम दे सकते हैं। प्रक्रिया में SSB, मेडिकल, और CPSS शामिल हैं, और ये भी Permanent Commission देता है।
AFCAT एंट्री पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए है। 20-24 साल के ग्रेजुएट्स (60% मार्क्स, 12वीं में फिज़िक्स-मैथ्स) AFCAT एग्ज़ाम दे सकते हैं। ये Short Service Commission (14 साल) देता है। प्रक्रिया में लिखित एग्ज़ाम, SSB इंटरव्यू, मेडिकल, और CPSS हैं। NCC Special Entry उन लोगों के लिए है, जिनके पास NCC Air Wing Senior Division ‘C’ सर्टिफिकेट है। 20-24 साल के ग्रेजुएट्स (60% मार्क्स) बिना लिखित एग्ज़ाम के डायरेक्ट SSB इंटरव्यू दे सकते हैं। ये पुरुषों को Permanent Commission और दोनों को Short Service Commission देता है। सभी रास्तों में फिज़िकल फिटनेस (हाइट 162.5 सेमी पुरुष, 152 सेमी महिला, 6/6 विज़न) ज़रूरी है।
ट्रेनिंग और रोल्स
वायुसेना में पायलट की ट्रेनिंग Air Force Academy (हैदराबाद) में होती है। NDA के लिए 3 साल पुणे में NDA ट्रेनिंग और 1 साल हैदराबाद में, CDS के लिए 1.5 साल, और AFCAT/NCC के लिए 1-1.5 साल की ट्रेनिंग होती है। ट्रेनिंग में बेसिक फ्लाइंग, ग्राउंड स्कूल (नेविगेशन, मेटियोरॉलजी, एयर रेगुलेशन्स), सिम्युलेटर, और लाइव फ्लाइंग शामिल हैं। एडवांस्ड ट्रेनिंग में फाइटर जेट्स (सुखोई Su-30MKI, मिग-29, मिराज 2000) या ट्रांसपोर्ट/हेलिकॉप्टर पायलट्स के लिए स्पेशलाइज़्ड स्किल्स सिखाए जाते हैं। ट्रेनिंग सरकार फंड करती है।
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पायलट बनने के बाद रोल्स में फाइटर पायलट (एयर डिफेंस, कॉम्बैट मिशन्स), ट्रांसपोर्ट पायलट (लॉजिस्टिक्स, ह्यूमैनिटेरियन मिशन्स), या हेलिकॉप्टर पायलट (रेस्क्यू, ट्रूप ट्रांसपोर्ट) शामिल हैं। पायलट्स को सुखोई, राफेल, या तेजस जैसे जेट्स उड़ाने का मौका मिलता है। सैलरी ₹56,100 से ₹1,77,500 (7वाँ पे कमीशन) है, जिसमें फ्लाइंग और ट्रांसपोर्ट अलाउंस जुड़ते हैं। ट्रेनिंग के बाद पायलट्स को IAF स्टेशन्स पर पोस्ट किया जाता है, जहाँ वे पीसटाइम और कॉम्बैट ऑपरेशन्स में हिस्सा लेते हैं। ये करियर फिज़िकल और मेंटल ताकत के साथ देशसेवा का मौका देता है।
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