कवर्धा टेकेश्वर दुबे :पण्डरिया क्षेत्र के गन्ना उत्पादक किसानों को लंबे समय से प्रतीक्षित भुगतान अंततः 22 मई को प्राप्त हुआ। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पण्डरिया ने एफ.आर.पी. दर 315.10 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 5,333 किसानों के खातों में कुल 20.27 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। यह भुगतान पेराई सत्र 2024-25 के गन्ने की बिक्री के एवज में हुआ, जो निर्धारित अवधि से काफी विलंबित रहा।
भुगतान में हुई इस देरी से किसानों को खेती-किसानी के अन्य कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ा। कई किसानों ने अपनी आर्थिक तंगी के चलते कर्ज लेने की बात भी स्वीकारी। हालांकि, पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने इस भुगतान को किसानों के आत्मसम्मान और श्रम का मूल्य बताते हुए इसे अपनी कोशिशों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन के सहयोग से यह राशि जारी की जा सकी।
हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि अब भी 19.19 करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है, जिसके लिए किसान फिर से प्रतीक्षा में हैं। एमडी उत्तर कुमार कौशिक के अनुसार, पेराई सत्र 2024-25 के लिए कुल 47.31 करोड़ रुपये देय थे, जिसमें से अब तक 28.12 करोड़ का ही भुगतान हुआ है।
इस बीच, सवाल यह उठता है कि किसानों को उनका मेहनताना समय पर क्यों नहीं मिल पाया? क्या गन्ना भुगतान प्रणाली में कोई ढांचागत कमी है या सहकारी कारखाना प्रशासनिक अड़चनों से जूझ रहा है?
स्थानीय स्तर पर इसे लेकर किसानों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ ने विधायक भावना बोहरा के प्रयासों की सराहना की, वहीं कई किसान अभी भी संपूर्ण भुगतान को लेकर आशंकित हैं और शीघ्र भुगतान की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि यह भुगतान ऐसे समय पर आया है जब खरीफ सीजन की तैयारियां जोरों पर हैं और किसानों को बीज, खाद व अन्य जरूरी निवेश के लिए पूंजी की सख्त जरूरत है।
अब देखना होगा कि शेष राशि का भुगतान वाकई ‘अतिशीघ्र’ होता है या किसान फिर से वादों और आश्वासनों के बीच झूलते रहेंगे।