सुशासन तिहार 2025 – जब शासन बना संवेदना का पर्याय

सुशासन तिहार 2025 – जब शासन बना संवेदना का पर्याय

बेमेतरा टेकेश्वर दुबे :  सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत बेमेतरा जनपद की ग्राम पंचायत जेवरी में एक प्रेरणादायी आयोजन देखने को मिला, जिसने यह सिद्ध किया कि जब शासन संवेदनशीलता और सेवा भावना के साथ आमजन तक पहुंचता है, तब असल सुशासन स्थापित होता है। इस कार्यक्रम का सबसे हृदयस्पर्शी क्षण तब आया जब गांव के निवासी रामकृष्ण मार्कण्डे, जिनकी दिव्यांगता 50% है, को सामान्य ट्राइसायकल प्रदान कर उनकी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की राह को मजबूत किया गया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने स्वयं उन्हें ट्राइसायकल सौंपते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

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रामकृष्ण मार्कण्डे एक सामान्य ग्रामीण नागरिक हैं, जिनकी दिव्यांगता ने वर्षों से उनकी गतिशीलता को सीमित कर रखा था। गांव के सार्वजनिक आयोजनों, मंदिरों, या पंचायत कार्यों में भाग लेना उनके लिए कठिन था। लेकिन आज जब शासन उनके द्वार पर पहुंचा और उनकी आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी, तो उनके चेहरे पर जो आत्मविश्वास और मुस्कान झलकी, वह वास्तव में "अंत्योदय" की भावना को जीवंत कर गई।

ट्राइसायकल प्राप्त कर रामकृष्ण ने कहा की अब मैं अपने खेत भी जा सकूंगा, गांव के कामों में भी भाग ले सकूंगा। पहले हर जगह किसी का सहारा लेना पड़ता था, लेकिन अब ये ट्राइसायकल मेरी आज़ादी बन गई है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया ।सुशासन तिहार का यही उद्देश्य भी है, शासन और जनता के बीच विश्वास का पुल बनाना, जहां योजनाएं केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि ज़मीनी हकीकत में उतरें। ग्रामवासियों ने भी इस अवसर पर शासन के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि सुशासन तिहार के माध्यम से अब वे सीधे प्रशासन से संवाद कर पा रहे हैं, योजनाओं की जानकारी मिल रही है और समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है।

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