नगरी : धमतरी जिले के टाइगर रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र मे बीस साल बाद टाइगर की दस्तक हुई जिससे अब टायगर रिजर्व मे चहकने लगा वन्य प्राणी टाइगर रिजर्व के अधिकारियो मे टाइगर के आने से बहार आ गई जो पूरे टायगर रिजर्व के तीनो रेन्ज मे ट्रेप कैमरा बाध कर टाइगर की निगरानी की जा रही व आम ग्रामीणो को भी सतर्कता बरतने व बेवजह जंगलो की ओर न जाने की हिदायत दे रहे .
बता दे सन 2005 के जनगणना रिपोर्ट मे धमतरी जिले मे पांच बाघ की पुष्टी हुई थी उसके बाद 2006 मे इस जंगल को टाइगर रिजर्व बनाने प्रस्ताव भेजा गया फिर 2009 मे यह जंगल टाइगर रिजर्व बन गया जिसके बाद इस जंगल मे कभी बाघ की दहाड या आहट सुनाई नही दी और टाइगर रिजर्व के चलते जिले के तीन रेन्ज रिसगाव , अरसीकन्हार व सीतानदी को जिले का सबसे सुरक्षित जंगल माना गया मगर धीरे धीरे इन जंगलो मे अवैध कटाई अतिक्रमण व अवैध शिकार के मामले भी बढते गये और यही कारण है की इस जंगल को वन्य जीव अपने लिये असुरक्षित महसूस करने लगे.
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी – सुशासन के लिए समदर्शिता है जरुरी
टाइगर रिजर्व के उप निदेशक वरूण जैन की जब गरियाबंद मे पोष्टीग हुई तब उन्होने इस जंगल को वन्य प्राणीयो से गुलजार करने जंगलो मे दबिश देकर लगभग 700 हेक्टय वन भूमि को अतिक्रमण कारीयो से मुक्त कराकर लगभग दो सो शिकारियो पर कार्यवाही की जिसके बाद जंगलो मे वन्य प्राणी व मानव द्वंद मे कमी आई जंगलो मे हाथियो की आमद व शिकारियो मे विराम लग गया व जंगलो मे वन्यप्राणीयो को भीषण गर्मी मे पेयजल के सोलरपंपो के माध्यम से तलाबो मे पानी की व्यवस्था और यही कारण है की वन्यप्राणीयो के शिकार मे कमी व जंगलो मे अतिक्रमण नर विराम जिसके चलते टाइगर रिजर्व के जंगलो मे एक साथ हिरण . नीलगाय, बायसन, तेन्दुआ , विलुप्त प्रजाति के वन्य प्राणियों के फुटेज भी ट्रेप कैमरा मे आने लगा
ढाई साल पहले गरियाबंद जिले मे एक बाघ की फूटेज मिली जिसके बाद जंगलो मे सुरक्षा बढा दिया गया और वन विभाग बराबर जंगलो मे वन्यप्राणीयो की ट्रेकिंग मे लग गया .18 मई 2025 को धमतरी जिले के टायगर रिजर्व मे बाघ के पद चिन्ह।की पुष्टी हुई फिर वन विभाग के अधिकारियो ने पूरे जंगल मे 150 ट्रेप कैमरा बाध कर जंगलो मे निगरानी करना प्रारंभ कर दिये जहा आठ दिनो तक बाघ जंगलो मे विचरण कर रहा था 26 मई को बाघ ने एक मवेशी का शिकार किया जिसका फोटो।और विडियो भी सामने आया जिसके बाद वन विभाग लगातार वन ग्रामो मे मुनादी कर आम ग्रामीणो को सावधानी बरतने की हिदायत दे रहा .
टायगर रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र मे एक टाइगर की पुष्टी होने के बाद टाइगर रिजर्व क्षेत्र मे महाराष्ट से बाघ और बाघिन लाकर परिवार बढाने व जंगलो मे टाइगर की संख्या बढाने वन विभाग के अधिकारियो द्वारा पहल किया जा रहा ताकी छत्तीसगढ के धमतरी व गरियाबंद जिला वन्य प्राणियों व वनो से सुशोभित रहे इससे पर्यावरण भी।संतुलन बना रहेगा
ये भी पढ़े : राजनांदगांव का ये म्यूजियम कभी था शहर की शान,अब देखरेख के अभाव में बन रहा खंडहर
टाइगर रिजर्व क्षेत्र मे लगभग 700 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त लगभग 200 शिकारियो के उपर कार्यवाही किये जिसके बाद जंगलो मे वन्य जीव व मानवद्वंद मे कमी आई और वन्यजीव अब टायगर रिजर्व क्षेत्र मे अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे यही कारण है की आज टाइगर के साथ कई प्रकार के वन्य जीव इस।जंगल मे सुरक्षित विचरण कर रहे
बाईट .. वरूण जैन उप निदेशक उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद



Comments