आज कल किसान खेती में नई-नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं साथ ही वह मौसम के हिसाब से फसल की खेती करते हैं. वहीं सीतामढ़ी के किसान रामाशंकर सिंह भी 10 कट्ठा जमीन पर कद्दू, टमाटर और गोभी की रोटेशन तकनीक से खेती कर सालाना 4.50 लाख रुपये कमा रहे हैं.
सीतामढ़ी. जिले के लगमा गांव के रहने वाले किसान रामाशंकर सिंह ने खेती की एक अनोखी मिसाल पेश की है. आमतौर पर किसान 10 एकड़ जैसी बड़ी जमीन पर खेती करके भी उम्मीद के मुताबिक आमदनी नहीं कर पाते, लेकिन रामाशंकर सिंह ने मात्र 10 कट्ठा जमीन (करीब 1/3 एकड़) में कद्दू, टमाटर और गोभी की रोटेशन तकनीक अपनाकर सालाना 4.50 लाख रुपये की कमाई कर दिखाया है. उन्होंने बताया कि इस छोटी सी जमीन में वह साल में दो बार कद्दू की खेती करते हैं और उसके बाद उसी खेत में टमाटर और गोभी लगाते हैं. फसलों के इस क्रमबद्ध प्रयोग से उनकी जमीन साल भर उत्पादक बनी रहती है और अच्छी आमदनी देती है.
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फिलहाल उनके खेत में कद्दू की फसल लगी है और फल निकलना शुरू हो गया है. रामाशंकर बताते हैं कि सितंबर से अक्टूबर तक कद्दू की फसल तैयार हो जाएगी, जिसके बाद वह उसमें टमाटर और गोभी की खेती शुरू करेंगे. इस तरह से एक चक्र पूरा होने पर वह हर साल लाखों की कमाई कर लेते हैं. वह बताते हैं कि सिर्फ तीन महीने के भीतर कद्दू की फसल मुनाफा देने लगती है, और इसकी मार्केट में हमेशा मांग बनी रहती है, चाहे वह सब्जी हो या बीज. इसके अलावा कद्दू का उपयोग मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों में भी होता है.
70-80 दिन में तोड़ सकते हैं फल
कद्दू की खेती के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है. किसान रामाशंकर के अनुसार, अच्छी जल निकासी वाली जमीन कद्दू की खेती के लिए उपयुक्त होती है. इसके लिए खेत की जुताई अच्छे से करनी चाहिए और खाद डालकर क्यारियां तैयार करनी चाहिए. बीजों की रोपाई सामान्यतः हाथ से ही करने की सलाह दी जाती है. कद्दू की खेती में सिंचाई की जरूरत जरूर होती है, लेकिन जलभराव से फसल को नुकसान हो सकता है. इसके पौधे 90 से 100 दिन में पूरी तरह तैयार हो जाते हैं, जबकि 70-80 दिन में हरे फल तोड़े जा सकते हैं.
मिट्टी का पीएच स्तर 5 से 7 के बीच होना चाहिए और तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच हो तो फसल बेहतर होती है. बरसात का मौसम इसकी बुवाई के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है. सर्दियों में पाले की आशंका के कारण इसकी खेती से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन रामाशंकर सिंह इस समय में टमाटर और गोभी लगाकर खेत को खाली नहीं छोड़ते. इस तरह वह एक ही जमीन से साल में दो से तीन फसलें लेकर अच्छी आमदनी सुनिश्चित करते हैं.
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