खैरागढ़ : इंदिरा कला संगीत विश्व विद्यालय खैरागढ़ की कुलपति प्रो. डॉ. लवली शर्मा ने रायपुर के महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय का अवलोकन किया। सर्वप्रथम उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर मौजूद प्राचीन मंदिरों का अवलोकन किया और इसके निर्माण सहित अन्य विषयों पर जानकारी प्राप्त की। इसके बाद प्रदेश के विभिन्न प्रांतों से संरक्षित किए गए प्राचीन प्रतिमाओं से भी अवगत हुई और इसकी विशेषताओं को जाना। साथ ही कुलपति ने सिरपुर उत्खनन में प्राप्त लोहे की वस्तुओं, पूजा उपासना की सामग्री, पाषाण युगीन शस्त्र, ताम्र युग की संस्कृति एवं कांस्य संस्कृति सहित अनेक वस्तुओं से अवगत हुई। इसके बाद विभिन्न लिपियों में लिखे गए शिलालेख एवं काष्ठ स्तंभ लेख से भी परिचित हुई और इसे प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण स्रोत बताया। इसके बाद कुलपति ने प्राकृतिक वन्य जीवो के संरक्षण के लिए बनाई गई प्रदर्शनी एवं प्राचीन अस्त्र-शस्त्र से भी अवगत हुई। साथ ही आदिवासी कलाओं को संरक्षित करने हेतु बनाए गए आदिवासी कला दीर्घा का भी अवलोकन की, जहां आदिवासी वाद्य यंत्रों व कलाओं सहित विभिन्न विषयों का भी अवलोकन की।
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संग्रहालय के अवलोकन के दौरान कुलपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं पुरातत्व विथिकाओं को संरक्षित करने का यह कदम बेहद ही सराहनीय है। इस संग्रहालय के माध्यम से संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुरातत्वों के संरक्षण के लिए उठाए गए कदम से वर्तमान तथा आने वाली पीढ़ियों को हमारी कला एवं संस्कृति को बारीकी से जानने व समझने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्व विद्यालय स्थित संग्रहालय में भी अधिक से अधिक पुरातत्व विथिकाओं का संरक्षण किए जाने हेतु विशेष पहल करने की बात कही, जिससे क्षेत्रीय लोगों को भी भारतीय संस्कृति, पुरातत्वों एवं कलाओं को जानने तथा समझने का अवसर मिल सके।
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