आज यानी 8 जून को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि पर प्रदोष व्रत किया जा रहा है। प्रदोष व्रत के दिन महादेव के संग मां पार्वती की पूजा संध्याकाल में होती है। साथ ही अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से साधक को सभी डर से छुटकारा मिलता है। साथ ही शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। प्रदोष व्रत के दिन कई योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आज का पंचांग।
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तिथि: शुक्ल द्वादशी
मास पूर्णिमांत: ज्येष्ठ
दिन: रविवार
संवत: 2082
तिथि: द्वादशी प्रात: 07 बजकर 17 मिनट तक
योग: परिघ दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक
करण: बलव प्रातः 07 बजकर 17 मिनट तक
करण: कौलव रात्रि 08 बजकर 28 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 18 मिनट पर
चंद्रोदय: शाम 04 बजकर 50 मिनट पर
चन्द्रास्त: 9 जून को रात 03 बजकर 31 मिनट पर
शुभ समय अवधि
अभिजीत: प्रात: 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: दोपहर 03 बजकर 49 मिनट से शाम 05 बजकर 33 मिनट तक
यमगंडा: दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से शाम 07 बजकर 18 मिनट तक
राहु काल: शाम 05 बजकर 33 मिनट से शाम 07 बजकर 18 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव स्वाति नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
स्वाति नक्षत्र: दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: स्वतंत्र स्वभाव, सभ्य व्यवहार, बुद्धिमान,आत्मनियंत्रण, संवेदनशील,दयालु, आकर्षक व्यक्तित्व, शिष्टाचार
नक्षत्र स्वामी: राहु
राशि स्वामी: शुक्र
देवता: वायु देव (पवन देवता)
प्रतीक: हवा में झुकती हुई एक नई कली
रवि प्रदोष व्रत
शिव पुराण में प्रदोष व्रत को बहुत खास माना गया है। यह व्रत हर महीने दो बार रखा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 8 जून को रवि प्रदोष व्रत किया जा रहा है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। पूजा करते समय शिव जी के 108 नामों का जप करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का पूरा फल मिलता है और रुके हुए काम भी पूरे हो जाते हैं।
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रवि प्रदोष व्रत की पूजा विधि-
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